म्यांमार में भूकंप प्रभावित पगोडाओं के जीर्णोद्धार में अहम भूमिका निभा रहा भारत

0
5

यंगून। म्यांमार में भूकंप प्रभावित पगोडाओं के जीर्णोद्धार एवं संरक्षण में भारत अहम भूमिका निभा रहा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की एक टीम ने 28 अगस्त को म्यांमार में भारतीय राजदूत अभय ठाकुर से मुलाकात की और उन्हें ऐतिहासिक पगोडाओं के जीर्णोद्धार एवं संरक्षण से जुड़ी परियोजना के पहले चरण की पूर्णता रिपोर्ट की एक प्रति प्रस्तुत की।
भारत अपनी ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के तहत जरूरतमंद पड़ोसी देशों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहता है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे को विकसित करने के साथ ही देशों की प्राचीन विरासत को संजोने का काम भी शामिल है। यह जीर्णोद्धार परियोजना म्यांमार की अमूल्य धार्मिक विरासत के दीर्घकालिक संरक्षण के साथ-साथ भारत और म्यांमार के लोगों के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत सरकार की स्थायी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
म्यांमार स्थित भारतीय दूतावास ने एक आधिकारिक बयान में कहा एएसआई की एक टीम, जिसे सितंबर 2025 से बागान में लगभग 50 भूकंप प्रभावित पगोडाओं के संरचनात्मक संरक्षण, रासायनिक संरक्षण और जीर्णोद्धार कार्यों के 11वें चरण का कार्यभार सौंपा गया है, इस सप्ताह यंगून पहुंची। 24 अगस्त 2016 को म्यांमार में आए 6.8 तीव्रता के भूकंप के बाद, जिसमें बागान में 100 से अधिक पगोडा क्षतिग्रस्त हो गए थे, भारत सरकार के एएसआई द्वारा बागान जीर्णोद्धार परियोजना शुरू की गई थी। 11 मई 2018 को नेपीता में हस्ताक्षरित एक समझौते के बाद, भारत सरकार ने बागान में 72 से अधिक पगोडाओं और मंदिरों के संरचनात्मक और रासायनिक संरक्षण कार्यों के लिए म्यांमार को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की।
एएसआई के रासायनिक संरक्षण और भौतिक जीर्णोद्धार विशेषज्ञों को इस क्षेत्र में वर्षों का अनुभव है, जिसमें प्रतिष्ठित आनंद मंदिर के शानदार जीर्णोद्धार के साथ-साथ बागान जीर्णोद्धार परियोजना के पहले चरण के अंतर्गत 11 स्मारकों का जीर्णोद्धार भी शामिल है। पुरातत्व विभाग, बागान के साथ घनिष्ठ समन्वय और स्थानीय कारीगरों के सहयोग से एएसआई की टीम संरचनात्मक संरक्षण और रासायनिक संरक्षण से संबंधित लगभग 50 स्मारकों पर आगे का कार्य करेगी।
दूतावास ने कहा बागान जीर्णोद्धार परियोजना के पहले चरण के अंतर्गत 11 पुनर्स्थापित स्मारक (22 कार्य) 13 दिसंबर 2024 को राजदूत अभय ठाकुर और म्यांमार के केंद्रीय धार्मिक मामलों एवं संस्कृति मंत्री यू टिन ऊ ल्विन की उपस्थिति में म्यांमार को सौंप दिए गए थे। परियोजना का 11वां चरण अब तक किए गए सफल कार्यों को और सुदृढ़ और विस्तारित करेगा।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Solve : *
20 − 1 =