शांति अभियानों की प्रभावशीलता के लिए यूएनएससी में सुधार जरूरी: भारत

0
18

न्यूयॉर्क। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में शांति अभियानों पर आयोजित एक खुली बहस में संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के भविष्य के प्रति अपना दृष्टिकोण साझा किया। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए शांति अभियानों के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता जाहिर की और साथ ही शांति अभियानों की प्रभावशीलता के लिए यूएनएससी में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया।
हरीश ने बुधवार को कहा संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों की प्रभावशीलता यूएनएससी की संरचना और वैधता से जुड़ी है, जिसमें स्थायी और अस्थायी, दोनों श्रेणियों में विस्तार सुनिश्चित करने के लिए सुधार किया जाना चाहिए, ताकि समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित किया जा सके। भारत जैसे प्रमुख योगदानकर्ता, जिसने शांति अभियानों में सबसे अधिक सैनिक भेजे हैं, परिषद की स्थायी सदस्यता से वंचित हैं, जो मिशनों को उनके अधिदेश प्रदान करती है।
हरीश ने जोर देते हुए कहा कि शांति अभियानों के लिए उभरती चुनौतियों का समाधान करने के लिए, सदस्य देशों द्वारा संचालित व्यापक परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से आम सहमति बनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों, विशेष रूप से सैनिक और पुलिस भेजने वाले देशों को इस प्रक्रिया में भाग लेना चाहिए। भारतीय राजनयिक ने कहा कि शांति स्थापना अभियान ‘राजनीतिक, परिचालनात्मक और तकनीकी जटिलताओं वाली कई चुनौतियों’ का सामना कर रहे हैं और उनका सामना करने के लिए ‘संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना के मूल सिद्धांतों’ की ओर लौटना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अधिदेश सरल, यथार्थवादी, स्पष्ट और केंद्रित होने चाहिए।
भारतीय राजदूत ने कहा शांति अभियानों के सफल होने की संभावना तब होती है जब उनके साथ एक व्यापक राजनीतिक प्रक्रिया हो, जिसका राजनीतिक परिणाम स्पष्ट रूप से परिकल्पित हो। हरीश ने कहा अब समय आ गया है कि पुराने और अप्रचलित अधिदेशों वाले संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशनों को वापस ले लिया जाए और उन्हें समाप्त कर दिया जाए।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Solve : *
24 ⁄ 8 =