नई दिल्ली। भारत और ब्रिटेन के बीच यहां मंगलवार को ‘टू प्लस टू’ विदेश और रक्षा वार्ता हुई, जिसमें दोनों पक्षों में अपने संबंधों की समीक्षा की। इस दौरान पारस्परिक रूप से लाभकारी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को शीघ्र पूरा करने, आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ावा देने तथा रक्षा संबंधों को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
वार्ता के इस दूसरे संस्करण में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में यूरोप-पश्चिम मामलों के संयुक्त सचिव पीयूष श्रीवास्तव और रक्षा मंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के संयुक्त सचिव विश्वेश नेगी ने किया। दोनों पक्षों ने भारत-यूके व्यापक रणनीतिक साझेदारी के संपूर्ण दायरे पर चर्चा की और दोनों देशों के बीच गतिशील साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर उच्च स्तरीय जुड़ाव के महत्व पर जोर दिया।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा प्रतिनिधिमंडलों ने भारत-यूके रोडमैप 2030 के तहत प्रगति की समीक्षा की और सहयोग के नए फोकस क्षेत्रों की पहचान करके और एक नए रोडमैप की दिशा में काम करके साझेदारी को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की।
मंत्रालय के अनुसार चर्चा में प्रमुख प्राथमिकताओं को शामिल किया गया, जिसमें पारस्परिक रूप से लाभकारी एफटीए को शीघ्र पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना, साइबर तथा आतंकवाद निरोध के क्षेत्रों सहित रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों को मजबूत करना, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में नवाचार को बढ़ावा देना, स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य में सहयोग को गहरा करने से लेकर सांस्कृतिक, शैक्षिक और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ाना शामिल है।
इस संवाद ने हाल के वैश्विक और क्षेत्रीय घटनाक्रम पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान किया। दोनों पक्षों ने एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए अपने साझा दृष्टिकोण को दोहराया।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)