न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में वीटो पावर पर भारत की स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि जब तक वीटो मौजूद है, तब तक सभी स्थायी सदस्यों द्वारा निष्पक्षता और न्याय के मामले में इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इस दौरान हरीश ने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए वीटो के इस्तेमाल की कड़ी आलोचना भी की।
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने एक बयान में हरीश के हवाले से कहा वीटो का इस्तेमाल केवल पांच सदस्य देशों के लिए उपलब्ध एक प्रावधान रहा है, हालांकि यह संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों की संप्रभु समानता की अवधारणा के विरुद्ध है। पिछले 8 दशकों के दौरान, यूएनएससी के सभी 5 स्थायी सदस्यों ने अपने-अपने राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए वीटो का इस्तेमाल किया है।
भारतीय राजदूत ने कहा इस अवधि में लगभग 200 बार वीटो का प्रयोग किया गया। आज, संशोधित यूएन सुरक्षा परिषद में वीटो के इस्तेमाल के लिए कई विकल्प हैं और भारत अन्य देशों के साथ मिलकर इस पर काम करने को तैयार है।
यूएनएससी प्रणाली में सुधार के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण का आह्वान करते हुए हरीश ने आगे कहा हम दृढ़ता से आग्रह करते हैं कि वीटो के सवाल सहित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार के सभी पांच पहलुओं को आईजीएन प्रक्रिया में स्पष्ट रूप से परिभाषित समयसीमा के माध्यम से व्यापक तरीके से संबोधित किया जाना चाहिए।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)