नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बुधवार को यहां सऊदी अरब के अपने समकक्ष प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने और भविष्य में सहयोग के लिए नए रास्ते तलाशने पर चर्चा हुई।
जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बैठक की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा आज दिल्ली में हमारी रणनीतिक भागीदारी परिषद के अंतर्गत राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक सहयोग समिति (पीएसएससी) की दूसरी बैठक की सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान के साथ सह-अध्यक्षता करते हुए प्रसन्नता हुई। रक्षा भागीदारी, सुरक्षा सहयोग, व्यापार और निवेश, संस्कृति, पर्यटन और युवा आदान-प्रदान तथा हमारे लोगों के बीच आपसी संपर्क सहित हमारे बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों पर उपयोगी चर्चा हुई। हमने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों, विशेष रूप से पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष और विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर हमारे संयुक्त प्रयासों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार जयशंकर ने कहा यद्यपि हम समय की कसौटी पर खरे उतरे मित्र हैं, लेकिन हमारी साझेदारी प्रगति पर आधारित है तथा भविष्य पर केंद्रित है। हमने बहुपक्षीय मंचों पर उच्च स्तरीय सहभागिता और समन्वय की अच्छी गति बनाए रखी है। प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर हमारे बीच नियमित आदान-प्रदान होता ही था और अब हमारा सहयोग रक्षा उद्योग और निर्यात के क्षेत्र में भी बढ़ गया है।
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि अब हम आतंकवाद, उग्रवाद का मुकाबला करने और मादक पदार्थों की तस्करी रोकने को लेकर सहयोग कर रहे हैं। सऊदी अरब का विजन 2030 और विकसित भारत 2047 हमारे उद्योगों के लिए नई साझेदारी बनाने के लिए पूरक हैं।
जयशंकर ने कहा पश्चिम एशिया की स्थिति विशेष रूप से गाजा में संघर्ष, गहरी चिंता का विषय है। इस संबंध में भारत का रुख सैद्धांतिक और सुसंगत रहा है। हम आतंकवाद और बंधक बनाने की घटनाओं की निंदा करते हैं, लेकिन निर्दोष नागरिकों की निरंतर मौत से हमें गहरा दुख होता है। किसी भी प्रतिक्रिया में अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून को ध्यान में रखना चाहिए।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)