वॉशिंगटन। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 79वें सत्र से इतर विभिन्न देशों के अपने समकक्षों के साथ मुलाकत की। इस दौरान उन्होंने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर बनाने से लेकर कई वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा किए।
जयशंकर उच्च स्तरीय यूएनजीए सत्र में भाग लेने के लिए अमेरिका के दौरे पर हैं, जहां वह 28 सितंबर को आम बहस को संबोधित करेंगे। इससे इतर जयशंकर ने स्पेन, फ्रांस, वेनेजुएला, माल्टा, पनामा, साइप्रस और मोल्दोवा के अपने समकक्षों के साथ अलग-अलग बैठकें कीं, जिसमें पश्चिम एशिया और यूक्रेन में चल रहे संघर्षों सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की गई, साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए विचारों का आदान-प्रदान किया गया। इसके अलावा उन्होंने बोलीविया और गुयाना के अपने समकक्षों और जलवायु कार्रवाई के लिए यूरोपीय आयुक्त के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं।
उन्होंने बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन के साथ परस्पर हित के मुद्दों पर चर्चा की। इसके अलावा जयशंकर ने यमन के उप राष्ट्रपति से मुलाकात की और शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध यमन के लिए भारत के समर्थन की पुष्टि की। इससे पहले विदेश मंत्री ने जी-4 देशों (ब्राजील, जर्मनी, भारत और जापान) के अपने समकक्षों से मुलाकात की और पाठ आधारित वार्ता (सभी पक्षों की स्वीकार्यता) के जरिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में तत्काल सुधार पर जोर दिया।
जयशंकर ने जापान की विदेश मंत्री योको कामिकावा, जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक और ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा से मुलाकात के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा न्यूयॉर्क में अपने समकक्षों– कामिकावा, बेयरबॉक और विएरा के साथ जी-4 विदेश मंत्रियों की पारंपरिक बैठक में शामिल होकर प्रसन्नता हुई। जी-4 ने पाठ आधारित वार्ता के माध्यम से यूएनएससी में तत्काल सुधार की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)