न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने गुरुवार को यहां यूएन मुख्यालय में दक्षिण-दक्षिण सहयोग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र के साथ विकास साझेदारी में भारत जो विकास योगदान कर रहा है, वो उसके सिद्धांत ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ से प्रेरित है, जिसका अर्थ है कि पूरी दुनिया एक परिवार है।
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल से एक पोस्ट में लिखा यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने संयुक्त राष्ट्र दक्षिण-दक्षिण सहयोग दिवस पर भारत का वक्तव्य दिया। भारत ने लगातार वैश्विक दक्षिण के लिए काम किया है। भारत वैश्विक विकास और अधिक न्यायसंगत तथा टिकाऊ दुनिया बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
राजदूत हरीश ने कहा कि आपस में जुड़ी-गुंथी आज की दुनिया अनेकानेक ऐसी चुनौतियों से घिरी है, जो किन्हीं सीमाओं को नहीं जानतीं, ऐसे में देशों के बीच सहयोग किया जाना बहुत अहम है। हरीश ने बताया कि वर्ष 2017 से यूएन के साथ विकास साझेदारी कोष को भारत का लगभग 15 करोड़ डॉलर का योगदान पहले ही 60 देशों में 82 परियोजनाओं को वित्तीय समर्थन दे चुका है और यह विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भारतीय राजदूत ने कहा आज के समय में मौजूद चुनौतियां विशाल और जटिल हैं, जबकि संसाधन सीमित हैं। इस संदर्भ में, भारत-यूएन विकास साझेदारी कोष और आईबीएसए कोष जैसे कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए उम्मीद की मशाल और प्रेरणा के प्रतीक हैं। इनसे साबित होता है कि जब देश विश्व को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए एकजुट होकर, साझा नजरिए और संकल्प के साथ काम करते हैं तो बहुत खास प्रगति हासिल की जा सकती है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)