आसियान के साथ राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग सर्वोच्च प्राथमिकता: जयशंकर

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वियनतियाने। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि आसियान के साथ राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है। विदेश मंत्री ने शुक्रवार को लाओस के वियनतियाने में आयोजित आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के बाद यह बात कही।
जयशंकर 10 देशों के आसियान समूह की बैठक में भाग लेने के लिए गुरुवार को लाओस पहुंचे थे। अपने शुरुआती वक्तव्य में विदेश मंत्री ने कहा कि भारत, आसियान को कितनी प्राथमिकता देता है, यह पिछले साल हमारे अपने जी20 शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जकार्ता यात्रा से स्पष्ट है। उन्होंने 12-सूत्री योजना की घोषणा की थी, जिस पर काफी हद तक काम किया गया है। उन्होंने कहा कि आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संघ) भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और उसके बाद बने इंडो-पैसिफिक विजन की आधारशिला है।
जयशंकर ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा आज सुबह लाओस के वियनतियाने में एक सार्थक आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। डिजिटल, रक्षा, समुद्री, संपर्क, सुरक्षा, स्वास्थ्य और पारंपरिक चिकित्सा तथा सांस्कृतिक विरासत संरक्षण भारत-आसियान सहयोग के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र बने हुए हैं। म्यांमार की स्थिति, समुद्री संचार लाइनों को खुला और मुक्त रखने, आसियान और एओआईपी पर क्वाड के दृष्टिकोण और गाजा में संघर्ष के बारे में भी बात की। जैसा कि हम एक्ट ईस्ट नीति के एक दशक का जश्न मना रहे हैं, भारत हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को लागू करने में प्राप्त प्रगति और क्षेत्र के लिए हमारे दृष्टिकोण में बढ़ते तालमेल को महत्व देता है।
जयशंकर ने सम्मेलन से इतर कई देशों के प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी की। उन्होंने फिलीपींस, तिमोर लेस्ते, कंबोडिया और नार्वे के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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