पहली बार भारत पहुंचे कंबोडिया के राजा नोरोडोम सिहामोनी
कंबोडिया के राजा नोरोडोम सिहामोनी ने सोमवार को भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा शुरू की। 1963 में वर्तमान राजा के पिता राजा नोरोडोम सिहानोक के भारत आने के बाद से कंबोडिया के राजा की यह पहली भारत यात्रा है। राजकीय यात्रा भारत और कंबोडिया के बीच 1952 में स्थापित राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के समारोह की परिणति का प्रतीक है।
आज राष्ट्रपति भवन में राजा का औपचारिक स्वागत किया गया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आने वाले गणमान्य व्यक्ति के सम्मान में एक राजकीय भोज की मेजबानी की। राजा की राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठकें हुईं साथ ही उपराष्ट्रपति और विदेश मंत्री शाह से मुलाकात का कार्यक्रम रहा, इसके अलावा राजघाट पर महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की।
भारत अपनी क्षमता बढ़ाने और विभिन्न माध्यमों से मानव संसाधन विकास को बढ़ावा देने के लिए कंबोडिया के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करता है। इसमें ITEC कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण स्लॉट आवंटित करना और ICCR के माध्यम से छात्रवृत्ति प्रदान करना शामिल है। इसके अलावा, भारत कंबोडिया में विकासात्मक परियोजनाओं के लिए अनुदान और रियायती ऋण प्रदान करता है। विशेष रूप से भारत सम्मानित अंगकोर वाट, ता प्रोह्म और प्रिय विहार मंदिरों के संरक्षण और बहाली के प्रयासों के वित्तपोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इसके अलावा भारत ने कंबोडिया में माइनिंग उपकरण के अधिग्रहण का समर्थन करने के लिए उदारतापूर्वक 1.5 मिलियन अमरीकी डालर का अनुदान दिया है। इसके अलावा भारत ने भारत से रक्षा उपकरणों की खरीद को सुविधाजनक बनाने के लिए 50 मिलियन अमरीकी डालर की पर्याप्त ऋण राशि प्रदान की है। सैन्य सहयोग को मजबूत करने के लिए भारत में विशेष रूप से कम्बोडियन सेना के कर्मियों के लिए अनुकूलित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त कंबोडियाई सेना के कर्मियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भारतीय सेना की मोबाइल प्रशिक्षण टीमों को कंबोडिया भेजा गया है। वित्तीय वर्ष 2022-2023 में भारत और कंबोडिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार 366 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)