संघर्षरत हीरों के व्यापार पर लगेगी लगाम, UN ने किम्बरली प्रक्रिया को अपनाया

0
121

संघर्षरत हीरों के व्यापार पर लगेगी लगाम, UN ने किम्बरली प्रक्रिया को अपनाया

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने किम्बरली प्रक्रिया (Kimberley Process) पर चल रहे संकल्प को अपना लिया है। किम्बरली प्रक्रिया 2003 में संघर्षरत हीरों के व्यापार को रोकने के लिए स्थापित एक योजना है, इसके अंतर्गत युद्ध क्षेत्रों में खनन किए गए और सरकारों के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष को वित्तपोषित करने के लिए बेचे जाने वाले हीरे आते हैं। इस योजना का नाम दक्षिण अफ्रीका के किम्बर्ले शहर के नाम पर रखा गया था, जहां 19वीं शताब्दी के अंत में दुनिया के पहले बड़े हीरे के भंडार की खोज की गई थी।
संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत की स्‍थायी प्रतिनि‍धि‍ रुचिरा कंबोज ने ट्वीट किया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा कल किम्बरली प्रक्रिया पर संकल्प को अपनाया गया। भारत किम्बरले प्रोसेस सर्टिफिकेशन स्कीम के संस्थापक सदस्यों में से एक है, जिसने हीरों के वैध व्यापार को बचाने में मदद की है।
किम्बरली प्रोसेस सर्टिफिकेशन स्कीम (केपीसीएस) में भाग लेने वाले देशों को यह प्रमाणित करने की आवश्यकता होती है कि उनके कच्चे हीरे का निर्यात संघर्ष-मुक्त है और उनका उत्पादन कुछ न्यूनतम मानकों के अनुपालन में किया गया है। इस योजना में भाग लेने वाले देशों को एक राष्ट्रीय प्रमाणन योजना स्थापित करने की भी आवश्यकता है, जिसमें केपीसीएस के अनुपालन (Compliance) की निगरानी और पुष्टि करने की प्रक्रिया शामिल है।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Solve : *
12 + 11 =