Latest News लखनऊ पीजीआई ने रचा इतिहास: रोबोटिक्स विधि से डॉo ज्ञानचंद ने निकाला “थायरॉइड कैंसर” का ट्यूमर By admin 0 116 Share Facebook Twitter WhatsApp लखनऊ पीजीआई ने रचा इतिहास: रोबोटिक्स विधि से डॉo ज्ञानचंद ने निकाला “थायरॉइड कैंसर” का ट्यूमरलखनऊ। प्रयागराज निवासी 21 वर्षीय अविवाहित युवती रचना (परिवर्तित नाम) के गले में थायरॉइड की गाँठ हो गई थी जो लगातार बढ़ रही थी जिसके इलाज के लिए अपने भाई के साथ रचना जब प्रयागराज के कमला नेहरू कैंसर अस्पताल पहुँची तो जाँच के बाद वहाँ के डाक्टरों ने उन्हें बताया गाँठ काफ़ी बढ़ चुकी है और गाँठ में कैंसर है और उसकी जटिलताओं के चलते इसकी सर्जरी बिना गले में चीरा लगाये संभव नहीं है, ऐसे में सर्जरी के बाद चीरे- टाँके के निशान को लेकर रचना बहुत असहज और निराश थी। इसीलिए बिना गले में चीरा लगाये सर्जरी कराने के लिए कमला नेहरू अस्पताल के डाक्टरों ने रचना को पीजीआई, लखनऊ के रोबोटिक थायरॉइड सर्जन डॉo ज्ञानचन्द के पास भेज दिया।डॉo ज्ञान ने जाँच कर के रचना को बताया कि उसे पैपिलरी थायरॉइड कैंसर है, जिसकी सर्जरी यदि रोबोटिक विधि द्वारा की जाये तो बिना गले में चीरा लगाये कैंसर ट्यूमर को भी कुशलता पूर्वक निकाला जा सकता है लेकिन यह अपने आप में पहला केस होगा जिसमें कैंसर के बिगड़ा रूप लिए हुए थायरॉइड ट्यूमर को रोबोटिक्स विधि से निकाला जाएगा । रचना और उसके परिवार की सहमति के बाद डॉo ज्ञान ने बीते शुक्रवार को चार घंटे चले ऑपरेशन में रचना के गले में कैंसर से ग्रसित थायरॉइड ग्रंथि समेत कई गाठों को बिना गले में चीरा लगाए सफलतापूर्वक निकाल दिया। ऑपरेशन में डॉo ज्ञान के साथ उनकी टीम में डॉo अभिषेक प्रकाश डॉo सारा इदरीस व डॉo रीनेल शामिल रहे साथ ही एनेस्थीसिया में डॉ सुजीत गौतम और उनकी टीम ने सहयोग किया ।इस अतिजटिल ऑपरेशन व गंभीर बीमारी के बारे डॉo ज्ञानचन्द के मुताबिक रोबोटिक थायरॉइड कैंसर सर्जरी में थायरॉइड ग्रंथि के साथ-साथ गले में कैंसर की गाँठों को भी निकाला जाता है, पूरी प्रक्रिया बेहद जटिल है किन्तु मरीज़ को भविष्य में आने वाली कठिनाइयों से राहत देने वाली है क्योंकि अमूमन मरीज़ को शल्य चिकित्सा के बाद पड़ने वाले निशान के साथ ही जीना होता है जिससे कम उम्र में ऐसी बीमारी हो जाने के बाद महिलाओं को तमाम सामाजिक दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है और मरीज़ अवसाद का भी शिकार हो जाता है लेकिन रोबोटिक सर्जरी में ऐसा नहीं होता।डॉo ज्ञान बताते हैं कि ऐसी कठिन सर्जरी करने की प्रेरणा, उनके सीनियर निदेशक, पीजीआई क डॉo आरoकेo धीमान से मिली, वो चाहते थे की संस्थान में मरीज़ों के लिए जो कुछ भी बेहतर हो उसे संभव किया जाए साथ ही डॉo ज्ञान ने अपने विभागाध्यक्ष डॉo गौरव अग्रवाल के मार्गदर्शन की भी तारीफ करते हुए कहा की उत्तर प्रदेश में इस प्रकार की यह पहली रोबोटिक सर्जरी हुई है, एवं संपूर्ण भारत में किसी भी सरकारी संस्थान में होने वाली पहली ऐसी सर्जरी है, जिसमें थायरॉइड कैंसर को रोबोट से निकाला गया है।(ब्यूरो) Download Best WordPress Themes Free DownloadDownload Best WordPress Themes Free DownloadFree Download WordPress ThemesDownload WordPress Themes Freedownload udemy paid course for freedownload mobile firmwarePremium WordPress Themes Downloadudemy paid course free download