भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान का प्रतीक “प्रवासी भारतीय दिवस” 9 जनवरी को
देश के विकास में भारतवंशियों के योगदान को रेखांकित करने के लिए प्रवासी भारतीय दिवस प्रत्येिक वर्ष 9 जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन वर्ष 1915 में महात्मास गांधी दक्षिण अफ्रीका से स्वेदेश लौटे थे। यह दिवस भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान का प्रतीक है। कोविड काल में प्रवासी भारतीय दिवस नहीं मनाया जा सका था। इस वर्ष 17वें प्रवासी भारतीय दिवस पर मध्य प्रदेश के इंदौर में 8,9 और 10 जनवरी को विभिन्न कार्यक्रम होंगे। इंदौर में तीन दिनी प्रवासी भारतीय दिवस के कार्यक्रमों के लिए यह प्रयास किए जा रहे हैं कि सभी कार्यक्रम अदभुत हों।
विदेश मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के लिए वेबसाइट का शुभारंभ 13 अक्टूबर 2012 को विदेश मंत्री डॉo एसo जयशंकर और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। उद्घाटन समारोह में विदेश राज्य मंत्री श्री वीo मुरलीधरन ने भी भाग लिया।
डायस्पोरा को सर्वोच्च प्राथमिकता: जयशंकर
वेबसाइट का शुभारंभ करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि 2014 के बाद से सरकार ने हमारे 32 मिलियन से अधिक डायस्पोरा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और यह कि हमारा जुड़ाव देखभाल, कनेक्ट, सेलिब्रेट और योगदान के 4सी पर आधारित है। उन्होंने कहा कि पीबीडी कन्वेंशन 2023 में ‘आजादी का अमृत महोत्सव – भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी भारतीयों का योगदान’ विषय पर पहली डिजिटल प्रदर्शनी भी शामिल होगी।
इस साल प्रवासी भारतीय दिवस की थीम:
इस साल प्रवासी भारतीय दिवस की थीम ‘प्रवासी-अमृत काल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार’ है। वहीँ इस सम्मेलन में करीब 3.5 हजार एनआरआइ आने की उम्मीद जताई जा रही है। जिसके मद्देनज़र सुरक्षा के भी पुख्ता इंतज़ाम किये जायेंगे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में मध्य प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के बारे में बात की और प्रवासी भारतीयों को बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 2023 में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)