भीषण संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के ताजा हालातों को देखते हुए 19 जुलाई को विदेश मंत्री डॉ। एस। जयशंकर के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में विदेश मंत्री ने दो प्रजेंटेशन के माध्यम से श्रीलंका में बनी परिस्थितियों पर विस्तार से जानकारी दी। जहां एक प्रजेंटेशन में राजनीतिक हालातों, तो वहीं दूसरी में भारत द्वारा श्रीलंका को प्रदान की जा रही विभिन्न वित्तीय सहायताओं पर जानकारी दी गई।
बैठक पर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने ट्वीट करते हुए कहा प्रधानमंत्री मोदी के दिशानिर्देशों के अनुरूप श्रीलंका के मौजूदा हालातों पर एक सफल सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया। चर्चा में भाग लेने वाले सभी नेताओं और सांसदों को धन्यवाद।
इस सफल बैठक की चर्चा और विमर्श के बारे में बताते हुए विदेश मंत्री ने ट्वीट किया बैठक में श्रीलंका के प्रति हमारी सरकार के दृष्टिकोण को बहुत विस्तार से समझाया गया था। विचार-विमर्श में व्यक्त की गई चिंताओं और सुझावों की हमने सराहना की है।
विश्व के सबसे बड़े और मज़बूत लोकतंत्र के रूप में देश में सहकारी संघवाद को बनाए रखना बहुत ही महत्वपूर्ण है, ताकि सभी राजनीतिक दल अपने मतभेदों को भुलाकर, एक साथ आगे आएं। जिससे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के महत्वपूर्ण मामलों पर विचार-विमर्श करते हुए ठोस समाधान खोजा जा सके।
इस सर्वदलीय बैठक के रूप में विदेश मंत्रालय ने सभी राजनीतिक दलों को एक साथ लाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नेताओं ने न केवल इस मामले पर चर्चा की बल्कि हमारे पड़ोसी देश को परेशान कर रहे मुद्दों को हल करने के लिए सहयोगी दृष्टिकोण दिखाते हुए प्रत्येक सुझावों का स्वागत भी किया।
आपको बता दें कि इसी तरह की बैठक विदेश मंत्रालय द्वारा यूक्रेन युद्द के समय भी आयोजित की गई थी। जिसमें सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को एक साथ एक मंच पर लाया गया था। विदेश मामलों की सलाहकार समिति की बैठक के हिस्से के रूप में, इन नेताओं को युद्ध के हालातों पर भारत की स्थिति से अवगत कराने के साथ ही उनके द्वारा पूछे गए सवालों का स्पष्ट जवाब दिया गया था।
विदेश मंत्रालय द्वारा बुलाई गई यह सर्वदलीय बैठक दर्शाती है कि “पड़ोसी पहले नीति” के तहत भारत पूरी एकजुटता और प्रतिबद्धता के साथ अपने पड़ोसी की हरसंभव सहायता के लिए तत्पर है।