संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) को पर्यवेक्षक का दर्जा दिया है। इस खबर की घोषणा संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी राजदूत, टीएस तिरुमूर्ति ने बुधवार को की। उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक निर्णय बताते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन वैश्विक ऊर्जा वृद्धि और विकास को लाभ पहुंचाने के लिए साझेदारी के माध्यम से सकारात्मक वैश्विक जलवायु कार्रवाई का एक उदाहरण बन गया है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने यूएनजीए के इस कदम को बताया ऐतिहासिक।
राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने इस संबंध में एक ट्वीट कर कहा कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को पर्यवेक्षक का दर्जा देने के लिए आज संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। बीते 6 वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन वैश्विक ऊर्जा वृद्धि और विकास के लिए साझेदारी के जरिये सकारात्मक वैश्विक जलवायु कार्रवाई का एक उदाहरण बन गया है। सभी सदस्य राष्ट्रोंय को धन्यवाद।
वहीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76 वें अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने इस बारे में ट्वीट कर कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने ०6 वीं समिति की रिपोर्ट के आधार पर सर्वसम्मति से संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र और कार्य में भाग लेने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को एक पर्यवेक्षक के तौर पर आमंत्रित करने का निर्णय लिया है।
अक्टूबर में आयोजित हुई थी आम सभा:
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की चौथी आम सभा इससे पहले अक्टूबर में आयोजित की गई थी। इसमें कुल 108 देशों ने हिस्साच लिया था, जिनमें 74 सदस्य देश, 34 पर्यवेक्षक देश, 23 सहयोगी संगठन और 33 विशेष आमंत्रित संगठन शामिल रहे।
प्रधानमंत्री ने की थी घोषणा:
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के शुभारंभ की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलां ने नवंबर 2015 में फ्रांस के पेरिस में आयोजित यूएन क्लााइमेट चेंज कॉन्फ्रें स ऑफ द पार्टीज के 21वें सत्र में की थी।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का उद्देश्य क्या है:
आईएसए का उद्देश्य सौर ऊर्जा के उपयोग में तेजी से वृद्धि करना है ताकि इससे जुड़े देश सदी के मध्य तक वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5C तक सीमित करने के प्रयास में और शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त कर सकें।