विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे दो प्रमुख प्रवासी कल्याण पहल के लाभार्थियों के साथ सोमवार को बातचीत की। दो कल्याणकारी पहलों में पूर्व-प्रस्थान उन्मुखीकरण प्रशिक्षण (पीडीओटी) और प्रवासी भारतीय बीमा योजना (पीबीबीवाई) शामिल है। इस बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर जानकारी दी।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता बागची ने अपने ट्वीट में कहा कि पीडीओटी ने विदेशों में प्रवास करने वाले भारतीय श्रमिकों के हितों की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जबकि पीबीबीवाई ने उन्हें और उनके परिवारों को एक वित्तीय सुरक्षा जाल प्रदान किया है।
बैठक के इतर विदेश सचिव श्रृंगला ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय और विदेश भवन, मुंबई तथा आईसीसीआर मुख्यालय के कार्यों की भी समीक्षा की। इसके अतिरिक्त उन्होंने नागरिकों के अनुकूल सेवा वितरण के प्रयासों पर अधिकारियों के साथ चर्चा की।
क्या है पीडीओटी और पीबीबीवाई:
पीडीओटी कार्यक्रम कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) तथा विदेश मंत्रालय (एमईए) की संयुक्त पहल है। इसके तहत भारतीय प्रवासी कामगारों की सॉफ्ट स्किल्स को बढ़ाया जाता है। यह कार्यक्रम प्रवासी कामगारों को गंतव्य देश की संस्कृति, भाषा, परंपरा और स्थानीय नियमों और विनियमों को समझने में मदद करता है। कार्यक्रम के लाभार्थियों को 68 योग्य सलाहकारों द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है, जिन्हें ट्रेनर (टीओटी) कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण दिया जाता है। पीडीओटी 2017 से मुंबई, दिल्ली, कोच्चि, लखनऊ, चंडीगढ़, गोरखपुर और चेन्नई सहित भारत के सात शहरों में नौ केंद्रों में काम कर रहा है।
इसी तरह, प्रवासी भारतीय बीमा योजना (पीबीबीवाई) का उद्देश्य भी भारतीय प्रवासी कामगारों के हितों की रक्षा करना है। यह योजना विदेश में प्रवासी कामगारों या नामांकित व्यक्तियों की आकस्मिक मृत्यु/स्थायी विकलांगता के मामले में 10 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान करती है। यह महिला उत्प्रवासी लाभार्थियों को मातृत्व खर्च भी प्रदान करती है।