दिवाली पर पटाखे फोड़ने को लेकर लगे प्रतिबंध के बाद भी पूरे देश में आतिशबाजी हुई। लोगों ने दिल खोल कर पटाखे चलाए, कुछ अपनी खुशी के लिए तो कुछ नियमों का मजाक उड़ाने के लिए, लेकिन सुबह होते ही पटाखों का असर साफ दिखने लगा। दिल्ली-NCR का प्रदूषण स्तर खतरनाक के पार चला गया है। लोगों को गले में जलन महसूस हो रही है और आंखों से पानी आ रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, रविवार तक हालात में बदलाव आने की कोई संभावना नहीं है।
दिल्ली में AQI 531 पर
दिल्ली सरकार ने पटाखों की ब्रिकी और उन्हें जलाने पर पाबंदी लगाई थी, लेकिन लोगों ने नियमों को ताक पर रखकर खुलेआम सड़कों पर पटाखे फोड़े। शुक्रवार सुबह दिल्ली के जनपथ में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर मापी गई। PM 2.5 का स्तर 655.07 तक पहुंच गया। सरकारी मानकों के मुताबिक, पीएम 2.5 का स्तर 380 के ऊपर जाना ही गंभीर माना जाता है। शुक्रवार को दोपहर 3.07 बजे दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 531 पर मापा गया।
999 तक पहुंचा PM 2.5 का स्तर
दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में शुक्रवार सुबह PM 2.5 का स्तर 999 मापा गया। यह स्तर दिल्ली में पॉल्यूशन मीटर मापने की ऊपरी सीमा है, यानी यह संभव है कि असल आंकड़ा इससे कहीं ऊपर रहा होगा। दिल्ली से सटे शहरों में भी पटाखों ने अपना असर दिखाया। गुरुवार रात 9 बजे ही फरीदाबाद में PM स्तर 424, गाजियाबाद में 442, गुरुग्राम में 423 और नोएडा में 431 पहुंच गया।
दिल्ली में कल से ही खराब थी हवा
दिल्ली में दिवाली की रात से पटाखे फूटने और आतिशबाजी से पहले ही वायु प्रदूषण का असर दिखना शुरू हो गया था। गुरुवार सुबह से ही आसमान में धुंध छाई हुई थी। दिल्ली में हवा का स्तर खराब होकर 363 AQI पर पहुंच गया था। मौसम और प्रदूषण का हाल बताने वाली संस्था सफर ने बताया था कि 2019 के मुकाबले इस बार दिल्ली के लोगों ने आधी मात्रा में भी आतिशबाजी की तो राजधानी में वायु प्रदूषण से हालात खराब होना तय है।
UP में नोएडा सबसे प्रदूषित शहर
UP में नोएडा सबसे प्रदूषित शहरों में नंबर वन पर है तो वहीं वाराणसी की हवा सबसे साफ है। कानपुर और लखनऊ जैसे शहरों में भी स्थिति ठीक नहीं है। यहां पर AQI 200 के ऊपर है जिसे पुअर की कैटेगरी में डाला गया है।
चंडीगढ़ में प्रतिबंध के बावजूद पुलिसवालों के सामने खूब चले पटाखे
चंडीगढ़ में शहर में प्रशासन के आदेश का पालन कराने के लिए 600 से अधिक पुलिस जवान तैनात किए थे मगर कहीं भी उनका कोई डर नजर नहीं आया। लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। 4 नवंबर की रात लोगों की ओर से चलाए गए पटाखों के धुएं की वजह से 5 नवंबर को चंडीगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 152 प्वाइंट पर पहुंच गया।
पराली का प्रदूषण 38% असर दिखा सकता है
पराली का धुआं भी परेशानी का सबब बनता जा रहा है। 6 नवंबर तक इसके और बढ़ने की आशंका है। सफर ने पहले ही अनुमान लगाया गया था कि 4 से 6 नवंबर तक दिवाली के पटाखों के प्रदूषण के अलावा पराली का प्रदूषण भी 20 से 38 प्रतिशत तक असर दिखा सकता है।
पटाखे चलाने पर 758 लोगों पर केस दर्ज
चेन्नई पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए 758 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिन्होंने पटाखे चलाए। सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री और उन्हें चलाने पर बैन लगाया था। पटाखों की बिक्री करने वाली 239 दुकानों पर भी केस किया गया है।
पॉल्यूशन से होने वाली आम बीमारियां
- सांस लेने में तकलीफ
- आंख और नाक में जलन होना
- बालों का झड़ना
- चक्कर आना, सिरदर्द और घबराहट
- त्वचा पर दाने और खुजली
- लंग्स, हार्ट और नर्वस सिस्टम पर भी बुरा प्रभाव