दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने एक बार फिर कहा है कि यूपी सरकार के मंत्रियों ने जब बहस की चुनौती दी है, तो अब पीछे न भागें. मैं 22 दिसंबर को लखनऊ आऊंगा, बहस का समय, स्थान बताएं.
नई दिल्ली:
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने एक बार फिर कहा है कि यूपी सरकार के मंत्रियों ने जब बहस की चुनौती दी है, तो अब पीछे न भागें. मैं 22 दिसंबर को लखनऊ आऊंगा, बहस का समय, स्थान बताएं. उन्होंने कहा कि यूपी सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने ट्वीट करके दिल्ली के स्कूलों की चार पुरानी तस्वीरें डालकर फर्जीवाड़ा किया है. फोटोशॉप के बदले शिक्षा पर गंभीर बहस की तैयारी करें. सिसोदिया ने चारों पुरानी तस्वीरों को हास्यास्पद बताया.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल का शिक्षा मॉडल सच्चाई और ईमानदारी पर आधारित है, झूठफरेब के जरिए इसे चैलेंज टिक नहीं पाएगा. AAP के यूपी चुनाव लड़ने की घोषणा की तो बीजेपी के मंत्री बौखला गए हैं. लेकिन उन्हें दिल्ली के स्कूलों के बारे में एक भी निगेटिव खबर नहीं मिली तो फ़र्ज़ीवाड़े पर उतर आए.
सिसोदिया ने यूपी के मंत्री द्वारा जारी फोटोशॉप वाली चारों तस्वीरों और पुरानी खबरों का सच भी बताया. उन्होंने कहा कि मैंने अधिकारियों से चारों खबरों का सच जानना चाहा तो पता चला कि चारों खबरें पुरानी हैं. पहली तस्वीर सोनिया विहार के स्कूल की है जो वर्ष 2016 की है. लेकिन यूपी के मंत्री ने फोटोशॉप करके जानबूझकर उस खबर से 2016 की तारीख हटा दी ताकि उसे आज की ताजा तस्वीर कहकर प्रचारित कर सकें. जबकि अब उस स्कूल की बिल्डिंग काफी अच्छी बना दी गई है. उन्होंने कहा कि ऐसा झूठफरेब करना योगी सरकार के मंत्रियों को शोभा नहीं देता.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरी तस्वीर पुल बांगश के एक स्कूल की है. मैं उस स्कूल में 2015-16 में गया था. उस स्कूल को पुराने भवन से नए भवन में ट्रांसफर कर दिया गया और पुराना भवन एक हेरिटेज बिल्डिंग है और वह चार साल से बंद है. खाली पड़ी पुरानी स्कूल बिल्डिंग की फोटो डालकर योगी जी के मंत्री ने फर्जीवाड़ा किया है. तीसरी खबर में नरेला के किसी स्कूल में पानी टपकने की बात कही गई है जबकि पूरे नरेला में कोई स्कूल ऐसा नहीं है. चौथी खबर भी वर्ष 2016 की पुरानी खबर है जिसमें 80 बच्चों पर एक शिक्षक होने की बात कही गई है.
सिसोदिया ने कहा कि योगीजी के मंत्री को अगर दिखाने के दिल्ली के ऐसे चार साल पुराने स्कूल ही मिले, तो यह हमारी सफलता की निशानी है. इससे पता चलता है कि योगी सरकार के मंत्रियों को हमारे खिलाफ दिखाने के लिए एक भी वास्तविक उदाहरण नहीं मिला. यह केजरीवाल का मॉडल ऑफ गवर्नेंस है.
सिसोदिया ने कहा कि यूपी के एक मंत्री ने हमें अपने स्कूल देखने का न्यौता दिया था. हम उनके स्कूल देखने का तैयार हैं. हमने उनसे यूपी के गांवों के ऐसे दस स्कूलों की लिस्ट भी मांगी, जिन्हें चार साल में बीजेपी सरकार ने सुधारा हो, जिनकी बिल्डिंग अच्छी बनी हो, जिनमें अच्छे रिजल्ट आए हों, जहां के बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होते हों. लेकिन यूपी के मंत्री ऐसे दस स्कूलों के नाम बताने को तैयार नहीं जबकि हम दिल्ली सरकार के एक हजार स्कूलों की सूची देने को तैयार हैं. यूपी के मंत्रियों को हम अपने एक हजार स्कूल घुमाने और दिखाने को तैयार हैं. वे अपने दस स्कूल ही दिखा दें.