झारखंड ने केंद्र सरकार से जीएसटी भरपाई के बकाये 2500 करोड़ की मांग की है। प्रदेश के वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने जीएसटी काउंसिल की बैठक में ऑनलाइन हिस्सा लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में यह मांग रखी। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी भरपाई की बकाया राशि नहीं देने से प्रदेश के विकास में बाधा पैदा हो गई है। राज्य में बजट की योजना बनाते समय 14 फीसदी राजस्व वृद्धि को ध्यान में रखते हुए योजना बनाई गई थी।
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि जीएसटी कलेक्शन को 14 फीसदी ग्रोथ के हिसाब से देना केंद्र सरकार की कानूनी बाध्यता है।इसलिए भारत सरकार रिजर्व बैंक से कर्ज लेकर राज्यों को उपलब्ध कराए। उरांव ने कहा कि कोरोना की वैश्विक महामारी में झारखंड की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव के साथ बैठक में वाणिज्यकर सचिव वंदना डाडेल, विशेष सचिव संतोष वत्स और वाणिज्यकर आयुक्त आकांक्षा रंजन भी मौजूद थीं।
सार्वजनिक उपक्रमों पर बकाया 45 हजार करोड़ मांगा: वित्त मंत्री ने जीएसटी काउंसिल की बैठक में झारखंड स्थित केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों पर सरफेस रेंट के बकाये 45 हजार करोड़ की मांग भी केंद्रीय वित्तीय मंत्री से की। उन्होंने सुझाव दिया की सरकार चरणबद्ध तरीके से इसे देना शुरू कर दे। उरांव ने कहा कि केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को झारखंड सरकार की ओर से जमीन उपलब्ध कराई गई है। जहां निरंतर खनन हो रहा है। केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में दिया गया 250 करोड़ पर्याप्त नहीं है।