कोलंबो। श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त संतोष झा ने रविवार को त्रिंकोमाली मछुआरा व्यापार संघ में आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्वी प्रांत त्रिंकोमाली के मछली पकड़ने वाले समुदाय को विकास सहायता का एक पैकेज सौंपा।
कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा त्रिंकोमाली मछुआरा व्यापार संघ, जिसमें जिले के 21 मछुआरा संघ शामिल हैं, के मछुआरों के अनुरोध पर दी गई सहायता में 40 एचपी नाव इंजन, 3 डीप फ्रीजर और लाइफ जैकेट शामिल हैं। डीप फ्रीजर यह सुनिश्चित करेंगे कि पकड़ी गई मछली ताजा रहे, इस प्रकार मछुआरों की आय बढ़ाने में योगदान मिलेगा। इसके अलावा इंजन और लाइफ जैकेट समुद्र में फंसे या पलट जाने वाले मछुआरों और नौकाओं को बचाने में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करने में मदद करेंगे।
उच्चायोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा आजीविका को बढ़ावा देना। भविष्य सुरक्षित करना! उच्चायुक्त संतोष झा ने भारत के लोगों की ओर से त्रिंकोमाली के मछली पकड़ने वाले समुदाय को नाव इंजन, डीप फ्रीजर और लाइफ जैकेट के रूप में विकास सहायता प्रदान की।
कार्यक्रम में बोलते हुए भारतीय उच्चायुक्त ने कहा कि भारत मछुआरों की आजीविका बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने मछुआरों की कड़ी मेहनत और उनके समुदायों में स्थायी योगदान के लिए सराहना की। उन्होंने हिंद महासागर से जुड़े भारत और श्रीलंका के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर भी प्रकाश डाला। उच्चायुक्त ने इस बात पर जोर दिया कि भारत श्रीलंका के लिए मछली पकड़ने के उद्योग के महत्व को समझता है और भारत सरकार की सहायता का उद्देश्य उनके दैनिक कार्यों की सुरक्षा और दक्षता दोनों को बढ़ाना है।
बता दें कि भारत अपनी ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति पर चलते हुए अपने करीबी पड़ोसी श्रीलंका की विभिन्न क्षेत्रों में मदद करता रहता है, जिसमें मछुआरा समुदाय का विकास एवं कल्याण भी शामिल है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)