न्यूयॉर्क। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने गुरुवार को यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 79वें सत्र से इतर ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने बहुपक्षवाद में सुधार और विकास को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए बहुध्रुवीयता एवं वैश्विक विविधता के लिए ब्रिक्स के महत्व को रेखांकित किया।
जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा यूएनजीए-79 से इतर ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक का समापन हुआ। बहुध्रुवीयता और वैश्विक विविधता के लिए इसके महत्व को रेखांकित किया। बहुपक्षवाद में सुधार और विकास को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया। एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने, ऋण से निपटने, निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा देने और गरीबी पर काबू पाने पर भी चर्चा की।
इस बीच, जयशंकर ने एल.69 समूह के विदेश मंत्रियों और सी-10 राष्ट्र समूह की बैठक में भी भाग लिया, जहां उन्होंने स्थायी और अस्थायी श्रेणियों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता में सुधार की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा बैठक में मंत्रियों ने सुरक्षा परिषद के निर्णयों और परिणामों की प्रभावशीलता, विश्वसनीयता एवं प्रासंगिकता की रक्षा करने में विकासशील देशों द्वारा निभाई जाने वाली अपरिहार्य भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सुधार को परिवर्तनकारी बनाने के लिए, वैश्विक दक्षिण का अधिक प्रतिनिधित्व होना चाहिए, विशेष रूप से अफ्रीका, एशिया-प्रशांत और लैटिन अमेरिका तथा कैरिबियन जैसे कम प्रतिनिधित्व वाले और गैर-प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों एवं समूहों के लिए, स्थायी और अस्थायी दोनों श्रेणियों में सदस्यता आवश्यक है।
बता दें कि भारतीय विदेश मंत्री 28 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 79वें सत्र की आम बहस में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए अमेरिका के दौरे पर हैं। उन्होंने पिछले कई दिनों के दौरान विभिन्न देशों के अपने समकक्षों से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने से लेकर ज्वलंत वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा किए।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)