काठमांडू की कला प्रदर्शनी में दिखी भारत-नेपाल साझा संस्कृति की झलक

0
40

काठमांडू। नेपाल स्थित भारतीय दूतावास ने नेपाल ललित कला अकादमी (एनएएफए) के सहयोग से सोमवार को यहां कला प्रदर्शनी ‘रामायण अनुनाद: साझी विरासत का उत्सव’ शुरू की। इस आठ दिवसीय प्रदर्शनी में भारत और नेपाल के कलाकारों द्वारा निर्मित हिंदू धर्मग्रंथ रामायण से जुड़ी कई खूबसूरत कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं।
प्रदर्शनी का उद्घाटन नेपाल में भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव और नेपाल के संस्कृति, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री बद्री प्रसाद पांडे ने संयुक्त रूप से किया। यह प्रदर्शनी 30 सिंतबर तक चलेगी, जिसके आयोजन में भारतीय दूतावास के स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र ने प्रमुख भूमिका निभाई है।
काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर प्रदर्शनी की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा नेपाल ललित कला अकादमी (एनएएफए), काठमांडू के सहयोग से भारतीय दूतावास काठमांडू ने गार्गी सेठ द्वारा क्यूरेट की गई कला प्रदर्शनी ‘रामायण अनुनाद: एक साझा विरासत का जश्न’ प्रस्तुत की है। यह प्रदर्शनी 23-30 सितंबर 2024 तक एनएएफए गैलरी में चलेगी।
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) की डीडीजी अंजू रंजन ने प्रसिद्ध नेपाली कलाकारों और कला प्रेमियों के साथ प्रदर्शनी के उद्घाटन कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। प्रदर्शनी में चार नेपाली कलाकारों की पांच कलाकृतियां और 30 भारतीय कलाकारों की 42 कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं।
प्रदर्शनी में भारतीय उपमहाद्वीप में सांस्कृतिक और कलात्मक अभिव्यक्ति पर रामायण के गहन प्रभाव को दर्शाया गया है। इसमें समकालीन से लेकर पारंपरिक कला रूपों तक की विविध कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं, जो हिंदू धर्मग्रंथ रामायण में दर्शाए गए वीरता और भक्ति को दर्शाती हैं।
बता दें कि भारत एवं नेपाल समान त्योहारों, भाषाओं, रीति-रिवाजों तथा परंपराओं के साथ एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत साझा करते हैं, जो दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत बनाता है। दोनों देशों के बीच भारत-नेपाल सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन भी होता है, जिसमें इनकी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को प्रदर्शित करनी वाली कई शानदार प्रस्तुति देखने को मिलती हैं।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Solve : *
20 − 13 =