बर्लिन। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने यहां आयोजित जर्मन विदेश कार्यालय के वार्षिक राजदूत सम्मेलन में वक्तव्य दिया, जहां उन्होंने पिछले एक दशक में हुई भारत की प्रगति और विकास यात्रा का उल्लेख किया।
उन्होंने भारत में हो रहे बदलावों पर रोशनी डालते हुए कहा पिछले एक दशक में भारत काफी बड़े स्तर पर बदला है। आज यह करीब चार ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था है। भारत का मानव संसाधन भी बदल रहा है। वैश्विक कारोबार में भारतीय प्रतिभाओं की प्रासंगिकता स्पष्ट दिख रही है।
जयशंकर तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में जर्मनी में हैं। वह ‘भारत-खाड़ी सहयोग परिषद मंत्रिस्तरीय बैठक’ में भाग लेने के बाद सऊदी अरब से दो दिवसीय दौरे के लिए यहां पहुंचे हैं। विदेश मंत्री ने मंगलवार को बर्लिन में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन द्वारा आयोजित विदेशी मामलों एवं सुरक्षा नीति विशेषज्ञों से भी बातचीत की। वार्ता के बाद जयशंकर ने कहा बदलती वैश्विक व्यवस्था, सुरक्षा चुनौतियों और भारत तथा जर्मनी के बीच रणनीतिक समानता पर विचार विमर्श किया गया।
जयशंकर ने यह भी कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष का समाधान जंग के मैदान पर नहीं निकलेगा और दोनों पक्षों को बातचीत करनी होगी। अगर वे सलाह चाहते हैं, तो भारत हमेशा मदद के लिए तैयार है।
जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा आज बर्लिन में विदेश मंत्री एनालेना बारबॉक के साथ व्यापक चर्चा की। भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी का जायजा लिया, जिसमें व्यापार एवं निवेश, हरित एवं सतत विकास, कुशल श्रमिकों की गतिशीलता, प्रौद्योगिकी और रक्षा एवं सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया। यूक्रेन, गाजा और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर विचारों का आदान-प्रदान किया। 7वें अंतर-सरकारी परामर्श के लिए भारत में उनका स्वागत करने के लिए तत्पर हूं।
विदेश मंत्री ने जर्मन संसद की विदेश मामलों की समिति के चेयरमैन माइकल रोथ से भी मुलाकात की और इस दौरान दोनों नेताओं के बीच मौजूदा वैश्विक चुनौतियों और नए द्विपक्षीय सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा हुई।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)