नई दिल्ली। नेपाल के मुनाल उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए अनुदान सहायता हेतु रविवार को विदेश मंत्रालय और न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
इस समझौता ज्ञापन पर विदेश मंत्रालय की ओर से संयुक्त सचिव (उत्तर) अनुराग श्रीवास्तव और एनएसआईएल के निदेशक अरुणाचलम ए. ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर नेपाल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अकादमी (एनएएसटी) के सचिव डॉ. रवींद्र प्रसाद ढकाल, नेपाली दूतावास के प्रभारी डॉ. सुरेंद्र थापा और अन्तरिक्षीय प्रतिष्ठान नेपाल (एपीएन) के संस्थापक डॉ. आभास मास्की भी मौजूद थे।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा 7वीं जेसीएम बैठक की सह-अध्यक्षता करने के लिए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की नेपाल यात्रा के दौरान, 4 जनवरी 2024 को एनएसआईएल और एनएएसटी के बीच मुनाल उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए इस प्रक्षेपण सेवा समझौते का आदान-प्रदान हुआ था।
बयान के अनुसार मुनाल सैटेलाइट नेपाल में एनएएसटी के तत्वावधान में विकसित एक स्वदेशी सैटेलाइट है। नेपाली अंतरिक्ष स्टार्टअप एपीएन ने इस सैटेलाइट के डिजाइन और निर्माण में नेपाली छात्रों की सहायता की है। इस सैटेलाइट का उद्देश्य पृथ्वी की सतह पर वनस्पति घनत्व का डेटाबेस बनाना है। इस उपग्रह को जल्द ही एनएसआईएल के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान से प्रक्षेपित किए जाने की उम्मीद है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)