नई दिल्ली। भारत ने क्यूबा को एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट (एपीआई) की एक बड़ी खेप सहायता के तौर पर भेजी है, जो कि क्यूबा की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाने में सहायक होगी। भारत का यह कदम एक बार फिर देश की ओर से ‘ग्लोबल साउथ’ को प्राथमिकता में रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भारत ने गुरुवार को क्यूबा को 1 करोड़ यूरो मूल्य के 90 टन सक्रिय औषधि अवयव यानी एपीआई की खेप सौंपी, जिनके उपयोग से विभिन्न जरूरी दवाओं का निर्माण किया जाएगा। इस योगदान में पेनिसिलिन और सेफलोस्पोरिन एंटीबायोटिक दवाओं के उत्पादन के लिए सक्रिय फार्मास्युटिकल तत्व शामिल हैं।
क्यूबा की राजधानी हवाना स्थित भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा राजदूत आर्मस्ट्रांग चांगसन ने भारत की जनता और सरकार की ओर से मानवीय सहायता के रूप में क्यूबा की जनता और सरकार को 10 मिलियन यूरो मूल्य के 90 टन सक्रिय औषधि अवयव (एपीआई) सौंपे।
दूतावास ने एक अन्य पोस्ट में कहा एपीआई का उपयोग सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के लिए आवश्यक एंटीबायोटिक दवाओं के उत्पादन में किया जाएगा। यह सहायता भारत की ‘विश्व की फार्मेसी’ के रूप में स्थिति की पुष्टि करती है और क्यूबा के साथ ऐतिहासिक मित्रता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश उप मंत्री डेबोराह रिवास ने एक समारोह के दौरान भारतीय राजदूत से यह खेप प्राप्त की। इस दौरान क्यूबा की मंत्री ने चिकित्सा क्षेत्र में की गई भारतीय मदद के लिए भारत सरकार और समस्त भारतवासियों का आभार व्यक्त किया।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)