‘सागर’ नीतियों के रूप में मॉरीशस को अत्यधिक महत्व देता है भारत: जयशंकर

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नई दिल्ली। मॉरीशस के दो दिवसीय दौरे पर गए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मॉरीशस की प्रगति और समृद्धि के लिए निरंतर समर्थन जारी रखने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।
मंगलवार को मॉरीशस के पोर्ट लुईस पहुंचे जयशंकर ने प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ से मुलाकात की। इस दौरान पीएम जगन्नाथ ने भारत और मॉरीशस की विशेष और स्थायी साझेदारी की समीक्षा के साथ इसे व्यापक बनाने की सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने निरंतर सहयोग के लिए आशा व्यक्त की। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि वर्तमान कार्यकाल की शुरुआत में वे मॉरीशस की यात्रा पर हैं और यह भारत-मॉरीशस द्विपक्षीय संबंधों की ताकत तथा गहराई को दर्शाता है।
विदेश मंत्री की इस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई, जिसमें विकास साझेदारी, रक्षा एवं समुद्री निगम, आर्थिक एवं व्यापार संबंध और लोगों से लोगों के बीच संबंध शामिल हैं। जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा भारत अपने ‘पड़ोसी प्रथम’, ‘सागर’ और फॉरवर्ड अफ्रीका नीतियों के हिस्से के रूप में मॉरीशस को अत्यधिक महत्व देता है।
इस दौरान जयशंकर ने एक विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जिसमें भारत द्वारा वित्तपोषित 12 उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, शिक्षा, संस्कृति, आव्रजन अभिलेखागार के डिजिटलीकरण तथा अंतरिक्ष एवं नवाचार के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया। इस मौके पर जयशंकर और जगन्नाथ ने मॉरीशस में सातवीं पीढ़ी के भारतीय मूल के लोगों को ओसीआई कार्ड भी सौंपे।
अपनी यात्रा के अंतिम दिन बुधवार को विदेश मंत्री ने मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम और पॉल बेरेन्जर से भेंट की। जयशंकर ने ‘एक्स’ पर बताया कि रामगुलाम के साथ मुलाकात के दौरान उन्होंने स्थायी द्विपक्षीय साझेदारी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की, जबकि बेरेन्जर के साथ उन्होंने समसामयिक वैश्विक मुद्दों पर सार्थक बातचीत की।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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