नई दिल्ली। भारत-इंडोनेशिया-ऑस्ट्रेलिया त्रिपक्षीय फोकल प्वाइंट मीटिंग मंगलवार को वर्चुअली आयोजित हुई। इस त्रिपक्षीय वार्ता में हिंद-प्रशांत की समग्र स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक के दौरान तीनों देशों ने एक मुक्त, खुले और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत की दिशा में काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि तीनों पक्षों ने इंडो-पैसिफिक महासागर पहल (आईपीओआई) और इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (आईओआरए) तंत्र, समुद्री डोमेन जागरूकता, समुद्री प्रदूषण और नीली अर्थव्यवस्था सहयोग के ढांचे के तहत सहयोग के अवसरों का पता लगाने के लिए चर्चा की। तीनों पक्षों ने भारत की इंडो-पैसिफिक महासागर पहल (आईपीओआई) और इंडो-पैसिफिक पर आसियान आउटलुक (एओआईपी) के बीच समानता पर ध्यान दिया।
मंत्रालय के अनुसार भारत, इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया ने अपने साझा मूल्यों को आगे बढ़ाने और एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी, शांतिपूर्ण, समृद्ध और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र की दिशा में मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
बैठक में भारतीय पक्ष का नेतृत्व संयुक्त सचिव (ओशिनिया और इंडो-पैसिफिक) परमिता त्रिपाठी ने किया, जबकि इंडोनेशियाई पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में प्रशांत और महासागरीय मामलों के निदेशक आदि ज़ुल्फ़ुआत ने किया। वहीं ऑस्ट्रेलियाई पक्ष का नेतृत्व विदेश मामलों और व्यापार विभाग में दक्षिण और मध्य एशिया प्रभाग की प्रथम सहायक सचिव सारा स्टोरी ने किया।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में बैंकॉक में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में समुद्री क्षेत्र के संरक्षण और स्थायी उपयोग तथा एक सुरक्षित समुद्री क्षेत्र बनाने के लिए सार्थक प्रयास करने के लिए हिंद-प्रशांत महासागर पहल की स्थापना का प्रस्ताव रखा था। भारत लगातार हिंद-प्रशांत में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान की केंद्रीय भूमिका का समर्थन करता रहा है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)
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