श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने यहां गुरुवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि वर्तमान में भारत-श्रीलंका संबंध पहले से कहीं बेहतर हुए हैं। उन्होंने यह विश्वास व्यक्त किया कि ये संबंध आने वाले दिनों में भी काफी बेहतर रहने वाले हैं।
उन्होंने श्रीलंका इंडिया सोसाइटी की ओर से कोलंबो में आयोजित एक स्मरणोत्सव रात्रिभोज में अपने विचार रखे, जो कि भारत के ‘75वें गणतंत्र दिवस’ और श्रीलंका के ‘76वें स्वतंत्रता दिवस’ की याद में मनाया गया एक संयुक्त कार्यक्रम था। इस दौरान स्थानीय कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी, जिसमें दोनों देशों की साझा विरासत की झलक देखने को मिली।
कार्यक्रम में श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने मुख्य अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जबकि भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा गेस्ट ऑफ ऑनर के तौर पर शामिल हुए। इस दौरान भारतीय उच्चायुक्त ने दोनों देशों के बीच मौजूद द्विपक्षीय संबंधों के महत्व पर जोर दिया।
श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा की गई पोस्ट में बताया कि भारतीय उच्चायुक्त ने अपने भाषण में इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं कनेक्टिविटी, गहन आर्थिक जुड़ाव एवं ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार एवं निवेश संबंधों को उन्नत करने, सांस्कृतिक एवं शैक्षिक सहयोग और पर्यटन एवं लोगों से लोगों के बीच संपर्क जैसे आपसी साझेदारी से जुड़े फोकस क्षेत्रों पर प्रकाश डाला। वहीं राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने भारत-श्रीलंका के बीच मौजूद प्राचीन संबंधों पर जोर देते हुए कहा श्रीलंका पिछले साल दोनों देशों के नेताओं के बीच हस्ताक्षरित विजन डॉक्यूमेंट को अब लागू कर रहा है।
विजन दस्तावेज का उद्देश्य पर्यटन, बिजली, व्यापार, उच्च शिक्षा, कौशल विकास और कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग को मजबूत करना है। इसका मकसद दोनों देशों के बीच लोगों से लोगों की कनेक्टिविटी, समुद्री, वायु और ऊर्जा कनेक्टिविटी में सुधार करना भी है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)