विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर 5 से 8 मार्च के बीच कोरिया गणराज्य और जापान का द्विपक्षीय दौरा करेंगे।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक जयशंकर 10वीं भारत-कोरिया गणराज्य संयुक्त आयोग बैठक (जेसीएम) में हिस्सा लेने के लिए 5-6 मार्च को सियोल का अपना पहला दौरा करेंगे। इस दौरान वह अपने समकक्ष चो ताए-यूल के साथ बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे।
यात्रा के दौरान विदेश मंत्री भारतीय समुदाय से भी मुलाकात करेंगे। मंत्रालय के मुताबिक भारत-कोरिया गणराज्य के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी का विस्तार सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों तक हुआ है, जिसमें व्यापार, निवेश, रक्षा, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और संस्कृति शामिल हैं। उम्मीद है कि जेसीएम द्विपक्षीय सहयोग के संपूर्ण आयाम की व्यापक समीक्षा करेगा और इसे और मजबूत करने के रास्ते तलाशेगा। यह दोनों पक्षों को आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर भी प्रदान करेगा।
इसके बाद विदेश मंत्री जापान की विदेश मंत्री योको कामिकावा के साथ 16वीं भारत-जापान विदेश मंत्री रणनीतिक वार्ता में हिस्सा लेने के लिए 6-8 मार्च को जापान का दौरा करेंगे। इस दौरान दोनों मंत्री द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक महत्व के मुद्दों पर चर्चा करेंगे और स्वतंत्र, खुले, समावेशी, शांतिपूर्ण और समृद्ध भारत-प्रशांत के लिए सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक पिछले दशक में रक्षा और डिजिटल प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन, स्वच्छ ऊर्जा, हाई स्पीड रेल, औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता और कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में भारत-जापान के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी और गहरी हुई है। विदेश मंत्री की टोक्यो यात्रा इन क्षेत्रों में हमारे कार्यात्मक सहयोग को रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करेगी।
कोरिया गणराज्य और जापान हमारे दो प्रमुख साझेदार हैं और जयशंकर का यह दौरा द्विपक्षीय साझेदारी को और गति प्रदान करेगा और भविष्य के सहयोग के लिए एजेंडा तय करेगा।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)
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