श्रीलंका में श्रमिकों के लिए 10 हजार घरों के निर्माण को लेकर भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित एक आवास परियोजना के पहले चरण का सोमवार को शुभारंभ हुआ। श्रीलंकाई राष्ट्रपति के मीडिया सेल की ओर से यह जानकारी दी गई।
इसे लेकर राष्ट्रपति सचिवालय में एक समारोह आयोजित किया गया, जिसमें श्रीलंकाई राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के साथ ही श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने हिस्सा लिया।
कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा उच्चायुक्त संतोष झा 1300 घरों के निर्माण का शुभारंभ करने के लिए एक समारोह में राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ वर्चुअल रूप से शामिल हुए। यह भारत से अनुदान सहायता के माध्यम से वृक्षारोपण क्षेत्रों में 10 हजार घरों के निर्माण का पहला चरण है।
भारतीय दूतावास के अनुसार 1300 घर श्रीलंका के 10 जिलों में 45 एस्टेट में फैले हुए हैं। घरों के संबंध में घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी श्रीलंका यात्रा के दौरान की थी। नवंबर 2023 में अपनी यात्रा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी आधारशिला रखी थी।
परियोजना के चौथे चरण के तहत 10 हजार घरों का निर्माण होना है। इससे पहले के चरणों में पीएम मोदी सैकड़ों लोगों को घर सौंप चुके हैं, जिनमें प्रमुख तौर पर भारतीय मूल के तमिल समुदाय के नागरिक शामिल हैं। भारत की ओर से श्रीलंका के चाय बागान क्षेत्रों में भारतीय मूल के लोगों के लिए 35 करोड़ डॉलर की लागत से कुल 60 हजार घर बनाने की योजना है।
अगस्त 2018 में नुवारा एलिया के केंद्रीय जिले में घरों की पहली खेप सौंपते हुए पीएम मोदी ने कहा था। भारत अपनी ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति में श्रीलंका को विशेष स्थान पर रखता है। घर बनाने के लिए 350 मिलियन डॉलर का अनुदान किसी भी देश में भारत द्वारा दिए गए सबसे बड़े अनुदानों में से एक है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)