जिसके पास हरि नाम का धन, वह दुनिया का सबसे अमीर- स्वामी लक्ष्मणदास महाराज

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जिसके पास हरि नाम का धन, वह दुनिया का सबसे अमीर- स्वामी लक्ष्मणदास महाराज

लखनऊ/ कृष्ण कृपा मिशन परिवार लखनऊ के तत्वावधान में शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर आयोजित भागवत कथा के द्वितीय दिवस परम पूज्य संत प्रेममूर्ति पूज्य संत स्वामी लक्ष्मणदास महाराज ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा
इस जीवन के भाग दौड़ में हम सब की एक आकांक्षा रहती है। कुछ पूंजी जमा कर ली जाए, बैंक में बैलेंस कुछ जमा हो जाए कुछ एसेट खरीद लें, आगे ना जाने कैसा समय रहेगा, शायद कोई विपत्ति आए, बुढ़ापे में सहारा कौन होगा?
जीवन जीने के लिए पैसा तो चाहिए ना, सांसारिक दृष्टिकोण से यह सोच सही भी है। परंतु पता है आपको इन सभी जमा पूंजी से बढ़कर अगर कोई है तो वह है नाम जप चाहे वह श्री राधा नाम हो,चाहे सीताराम नाम हो या फिर महादेव के नाम का, अगर इनमें से कोई भी नाम जप कर रहे है तो आप मेरी मानिए इससे बढ़कर कोई पूंजी नहीं है।
कलयुग में वैसे भी नाम की बड़ी महिमा है, श्री तुलसीदास ने रामायण में कहा भी है। कलयुग केवल नाम अधारा, सुमिर सुमिर नर उतरहि पारा। भवसागर से पार उतरने का एक मार्ग श्री हरि स्मरण है।
श्रीमद् भागवत जी में वर्णन आया है कलयुग में हर प्रकार के पापों को नष्ट करने का एकमात्र मार्ग और साधन है श्री ठाकुर जी का नाम जप।
नाम संकीर्तनं यस्य सर्व पाप प्रणाशनम्।
प्रणामो दुःख शमनः तम नमामि हरिं परम्।।
यानी हर प्रकार के पाप को नष्ट कर देता है नाम संकीर्तन।
बृज के रसिक संत तो यहां तक कहते हैं, अगर भूल से सपने में भी आपने श्री राधा नाम का जप कर लिया तो ठाकुर जी आपको अपने गले से लगा लेते हैं।
इसीलिए हम सभी को नाम का जप अवश्य करना चाहिए इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा,आपका आंतरिक बल मजबूत होगा आपकी प्रतिभा निखरेगी, आप जो कुछ भी चाहेंगे ऐसी कोई कामना नहीं है जो माला करने से नहीं मिलेगी.. हमारे ब्रज में तो यहां तक कहते हैं बोले माला करो। चक्क माल मिलेगा यानी माला करने से धन की भी प्राप्ति होती है अब आप सकाम भाव से या निष्काम भाव से माला अवश्य करिए।
आप कल्पना करिए ध्रुव जी की छोटी सी आयु थी परंतु सिर्फ नाम जप के प्रभाव से भगवान प्रकट होकर उन्हें आशीर्वाद देने आए प्रहलाद वह भी अबोध अवस्था में ही भगवान का बस नाम जपते थे परंतु भगवान ने उनके लिए नरसिंह रूप धारण किया। इसीलिए हर क्षण हर पल श्री कृष्ण नाम सुमरिये। आशियाना लखनऊ क्षेत्र में इस प्रकार का विशाल आयोजन पहली बार किया गया है, जहां भागवत कथा के साथ-साथ महालक्ष्मी यज्ञ का भी कार्यक्रम चल रहा है और पूज्य गुरुजी के द्वारा निःशुल्क श्री यंत्र वितरण का भी कार्यक्रम है।
आज कथा के दूसरे दिन विशेष रूप के अखिल भारतीय ब्रह्म समाज के अध्यक्ष सी.पी.अवस्थी, उपाध्यक्ष दुर्गेश पाण्डे, महामंत्री देवेंद्र शुक्ला, विजय त्रिपाठी, आर एस बाजपाई के साथ बड़ी संख्या में कृष्ण भक्तो ने पूरे भक्तिभाव से झूमते नाचते गाते हुए आज की भागवत कथा को सुना और आरती की।
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(शाश्वत तिवारी)
वरिष्ठ पत्रकार
सदस्य, मुख्य आयोजक मंडल

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