भारत-वियतनाम: धार्मिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को और घनिष्ठ बनाने पर जोर
वियतनामी विदेश मंत्री बुई थान सोन के निमंत्रण पर जयशंकर 15 अक्टूबर को चार दिवसीय दौरे पर वियतनाम पहुंचे थे। इस दौरान दोनों मंत्रियों ने आर्थिक, व्यापार, वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग पर 18वीं भारत- वियतनाम संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता की और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग सहित भारत- वियतनाम व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर प्रगति की समीक्षा की।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर का चार दिवसीय वियतनाम दौरा बुधवार को संपन्न हुआ। इस दौरान जयशंकर ने वियतनामी प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह के साथ मुलाकात की और वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश संबंध आयोग के चेयरमैन ले होई ट्रुंग से महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की।
विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार दोनों मंत्रियों ने व्यापार, बिजनेस एक्सचेंज, ऊर्जा, वित्तीय, खनिज, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल, कृषि, कनेक्टिविटी, रक्षा और सुरक्षा, उन्नत प्रौद्योगिकियों, शिक्षा और प्रशिक्षण, पर्यटन आदि में आर्थिक सहयोग बढ़ाने के तरीकों की रूपरेखा वाले संयुक्त आयोग की बैठक के कार्यवृत्त (बैठक की चर्चा पर तात्कालिक लिखित विवरण) पर हस्ताक्षर किए।
चूंकि भारत और वियतनाम के बीच लंबे समय से घनिष्ठ संबंध रहे हैं, जिसे देखते हुए दोनों पक्षों ने माना कि दो तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं के रूप में व्यवसाय और आर्थिक आदान-प्रदान को तेज करने के अच्छे अवसर हैं। इसके अलावा रक्षा और सुरक्षा सहयोग दोनों देशों के बीच जुड़ाव का एक प्रमुख स्तंभ है, जिसे और गहरा करने पर सहमति जताई गई है। चर्चा में दोनों देशों के बीच धार्मिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को और घनिष्ठ बनाने पर भी जोर दिया गया।
विदेश मंत्री ने पोलित ब्यूरो सदस्य और हो ची मिन्ह सिटी की पार्टी समिति के सचिव गुयेन वान नेन से मुलाकात की। उन्होंने यहां महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का उद्घाटन भी किया।
जयशंकर ने साइगॉन बंदरगाह पर भारतीय नौकायन प्रशिक्षण पोत आईएनएस सुदर्शिनी का भी दौरा किया। विदेश मंत्री ने हो ची मिन्ह सिटी में भारत के महावाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत की और भारत-वियतनाम संबंधों को आगे बढ़ाने में उनके योगदान की सराहना की।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)