ब्रिक्स देश सांस्कृतिक और रचनात्मक क्षेत्रों का करें समर्थन

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ब्रिक्स देश सांस्कृतिक और रचनात्मक क्षेत्रों का करें समर्थन

विदेश राज्य मीनाक्षी लेखी ने दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स देशों के अपने समकक्ष मंत्रियों के साथ बैठक की जिसमें दक्षिण अफ़्रीकी खेल, कला और संस्कृति मंत्री जिजी कोडवा, ब्राजील की संस्कृति मंत्री मार्गारेथ मेनेजेस, रूसी संस्कृति उप मंत्री आंद्रेई मालिशेव और चीनी संस्कृति और पर्यटन उप मंत्री एलआई क्यून शामिल हुए। सत्र का प्राथमिक एजेंडा है कि ब्रिक्स देश सांस्कृतिक और रचनात्मक क्षेत्रों का समर्थन करें।


डरबन में आयोजित ब्रिक्स युवा शिखर सम्मेलन


इस बैठक में अच्छी प्रथाओं के आदान-प्रदान और सांस्कृतिक विविधताओं को बढ़ावा देने की पहल पर गहन विचार-विमर्श किया गया। बैठक में विभिन्न देशों के मंत्री कोरोना के दौरान सामने आई चुनौतियों और उनसे निपटने के अनुभव को साझा किए। इसके साथ ही सभी देश एक लचीला सांस्कृतिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए रणनीतियों की रूपरेखा तैयार की।
मीनाक्षी लेखी ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के साथ हमारा संबंध बहुत पुराना है। हमने साथ में संघर्ष किया है। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच भावनात्मक संबंध बहुत मजबूत है। संस्कृत और हिंदी में योग का अर्थ है जोड़ना, इसलिए जब आप योग करते हैं तो आप अपनी शारीरिक और भावनात्मक ताकत को आपस में जोड़ते हैं। इसिलए योग केवल एक शारीरिक व्यायाम नहीं है। योग मानव शरीर, मन और आत्मा के बीच संबंध के लिए है।
एक दिन पहले दक्षिण अफ्रीका की युवा और विकलांग व्यक्तियों की मंत्री नकोसाजाना दलामिनी-जुमा ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की वृद्धि की सराहना की। उन्होंने डरबन में आयोजित ब्रिक्स युवा शिखर सम्मेलन में कहा कि भारतीय सभ्यता हजारों साल पुरानी है। भारत ने उपनिवेशवाद की राख से देश का उत्थान और विकास तक का सफर तय किया है।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)

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