भारत- गुयाना संबंधों की ताकत और जीवन शक्ति को दर्शाते हुए विकसित होगा
विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस समय दक्षिण अमेरिकी देशों के दौरे हैं। यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुयाना के प्रधानमंत्री मार्क फिलिप्स से मुलाकात की और इस दक्षिण अमेरिकी देश की विकास यात्रा में भारत के साझेदार बनने का निश्चय व्यक्त किया। उन्होंने गुयाना के अपने समकक्ष ह्यू टॉड के साथ पांचवीं भारत-गुयाना संयुक्त समिति बैठक की सह-अध्यक्षता भी की। इस बैठक में कृषि, रक्षा सहयोग और बुनियादी ढांचा विकास जैसे विषयों पर चर्चा की गई। यात्रा के दौरान विदेश मंत्री ने कल शाम गुयाना में भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत की।
भारत-गुयाना संयुक्त समिति कि बैठक के बाद विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने ट्वीट में लिखा कि गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली और उपराष्ट्रपति भरत जगदेव से मिलकर खुशी हुई। अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कृषि, व्यापार और निवेश, स्वास्थ्य और फार्मा, नवीकरणीय सहित ऊर्जा, रक्षा, नवाचार और प्रौद्योगिकी, पर्यटन और विकास साझेदारी में पहल पर चर्चा की गई।
एस. जयशंकर ने गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली और उपराष्ट्रपति भरत जगदेव से भेंट कर उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुभकामना संदेश भी दिया। उन्होंने आगे ये भी लिखा कि व्यापारिक बातचीत सहित गहरे संपर्कों के माध्यम से अवसरों का अधिक प्रभावी ढंग से पता लगाए जाने को लेकर भी सहमति हुई है।
राष्ट्रपति अली ने इस मुलाकात के दौरान जयशंकर को एक क्रिकेट बैट और उनके नाम की एक जर्सी भी गिफ्ट की। एस. जयशंकर ने अपनी गुयाना यात्रा के दौरान पृथ्वी दिवस मनाया और उन्होंने एक पौधा लगाया गया। इसे लेकर ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा इस खूबसूरत देश में सिमरूपा का पौधा लगाकर हमने पृथ्वी दिवस मनाया। आशा है कि यह पौधा भारत- गुयाना संबंधों की ताकत और जीवन शक्ति को दर्शाते हुए विकसित और समृद्ध होगा।
विदेश मंत्री ने यहाँ बापू को भी श्रद्धा सुमन अर्पित किये और ट्वीट पर लिखा कि बापू के स्मारक पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए और भारत- गुयाना मैत्री वृक्ष लगाया। जलवायु चेतना के लिए गांधीजी का संदेश सार्वभौमिक और कालातीत है।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)