सेंट्रल कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने लेफ्टिनेंट जनरल एनoएसo राजा सुब्रमणि

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लखनऊ/ लेफ्टिनेंट जनरल एनoएसo राजा सुब्रमणि, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम ने आज मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ का पदभार संभाला।

कमान संभालने पर जनरल ऑफिसर ने स्मृतिका युद्ध स्मारक, लखनऊ में श्रद्धांजलि अर्पित की और औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर की समीक्षा भी की। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने सभी रैंकों को बधाई दी और अपने पूर्ववर्तियों द्वारा उत्कृष्ट कार्य को आगे बढ़ाने और हर समय मध्य कमान की परिचालन तत्परता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र रहे जनरल ऑफिसर को 1985 में गढ़वाल राइफल्स में कमीशन मिला था। वह ज्वाइंट सर्विसेज कमांड स्टाफ कॉलेज, ब्रैकनेल (यूके) और नेशनल डिफेंस कॉलेज, नई दिल्ली के पूर्व छात्र रहे हैं। उन्होंने किंग्स कॉलेज, लंदन से मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री और मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन में एमफिल की उपाधि प्राप्त की है।
37 वर्षों से अधिक के अपने शानदार करियर में उन्होंने संघर्ष और उच्च पर्वतीय इलाकों के प्रोफाइल के व्यापक स्पेक्ट्रम में सेवा की है और कई प्रतिष्ठित कमांड, स्टाफ और इंस्ट्रक्शनल नियुक्तियों पर रह चुके हैं। जनरल ऑफिसर ने ऑपरेशन राइनो, अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर एक इन्फैंट्री ब्रिगेड और उत्तर पूर्व भारत में ब्लैक कैट डिवीजन के हिस्से के रूप में असम में काउंटर इंसर्जेंसी एरिया में अपनी बटालियन की कमान संभाली। जनरल ऑफिसर ने 2020 में उत्तर भारत क्षेत्र और अम्बाला में प्रीमियर खरगा कोर की भी कमान संभाली।
जनरल ऑफिसर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में डिवीजनल ऑफिसर एक माउंटेन ब्रिगेड के ब्रिगेड मेजर, सैन्य सचिव शाखा में सहायक सैन्य सचिव, मुख्यालय पूर्वी कमान में कर्नल जनरल स्टाफ, रक्षा मंत्रालय के एकीकृत मुख्यालय में सैन्य खुफिया उप महानिदेशक भी रह चुके हैं। पूर्वी कमान में ब्रिगेडियर जनरल स्टाफ, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन में मुख्य प्रशिक्षक और मुख्यालय उत्तरी कमान में चीफ ऑफ स्टाफ। राष्ट्र के लिए उनकी विशिष्ट सेवा के लिए जनरल ऑफिसर को अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है।
(ब्यूरो)

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लखनऊ/ लेफ्टिनेंट जनरल एनoएसo राजा सुब्रमणि, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम ने आज मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ का पदभार संभाला।
कमान संभालने पर जनरल ऑफिसर ने स्मृतिका युद्ध स्मारक, लखनऊ में श्रद्धांजलि अर्पित की और औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर की समीक्षा भी की। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने सभी रैंकों को बधाई दी और अपने पूर्ववर्तियों द्वारा उत्कृष्ट कार्य को आगे बढ़ाने और हर समय मध्य कमान की परिचालन तत्परता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र रहे जनरल ऑफिसर को 1985 में गढ़वाल राइफल्स में कमीशन मिला था। वह ज्वाइंट सर्विसेज कमांड स्टाफ कॉलेज, ब्रैकनेल (यूके) और नेशनल डिफेंस कॉलेज, नई दिल्ली के पूर्व छात्र रहे हैं। उन्होंने किंग्स कॉलेज, लंदन से मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री और मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन में एमफिल की उपाधि प्राप्त की है।
37 वर्षों से अधिक के अपने शानदार करियर में उन्होंने संघर्ष और उच्च पर्वतीय इलाकों के प्रोफाइल के व्यापक स्पेक्ट्रम में सेवा की है और कई प्रतिष्ठित कमांड, स्टाफ और इंस्ट्रक्शनल नियुक्तियों पर रह चुके हैं। जनरल ऑफिसर ने ऑपरेशन राइनो, अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर एक इन्फैंट्री ब्रिगेड और उत्तर पूर्व भारत में ब्लैक कैट डिवीजन के हिस्से के रूप में असम में काउंटर इंसर्जेंसी एरिया में अपनी बटालियन की कमान संभाली। जनरल ऑफिसर ने 2020 में उत्तर भारत क्षेत्र और अम्बाला में प्रीमियर खरगा कोर की भी कमान संभाली।
जनरल ऑफिसर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में डिवीजनल ऑफिसर एक माउंटेन ब्रिगेड के ब्रिगेड मेजर, सैन्य सचिव शाखा में सहायक सैन्य सचिव, मुख्यालय पूर्वी कमान में कर्नल जनरल स्टाफ, रक्षा मंत्रालय के एकीकृत मुख्यालय में सैन्य खुफिया उप महानिदेशक भी रह चुके हैं। पूर्वी कमान में ब्रिगेडियर जनरल स्टाफ, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन में मुख्य प्रशिक्षक और मुख्यालय उत्तरी कमान में चीफ ऑफ स्टाफ। राष्ट्र के लिए उनकी विशिष्ट सेवा के लिए जनरल ऑफिसर को अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है।
(ब्यूरो)

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