विश्व में मंदी लेकिन भारत के लिए अवसर

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विश्व में मंदी लेकिन भारत के लिए अवसर
जी-20 शेरपा अमिताभ कांत और मुख्य समन्वयक हर्षवर्धन शृंगला ने मध्य प्रदेश के इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दूसरे दिन के एक सत्र को संबोधित किया। इस दौरान प्रवासी भारतियों के ब्रांड एंबेसडर बनने, डिजिटल परिवर्तन, सशक्त फार्मा सेक्टर समेत जी-20 की 56 शहरों में 215 बैठकों से क्या फायदे होंगे इस बात पर प्रकाश डाला। गौरतलब है कि देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में अपने भाषण में जी-20 को लेकर विस्तृत जानकारी दी थी। वहीं जी-20 के शेरपा अमिताभ कांत ने भी कहा कि जी-20 एक पॉवरफुल फोरम है। दुनिया की 60 प्रतिशत आबादी इन देशों में कवर होती है। पूरे विश्व में मंदी का दौर है लेकिन हमारे लिए एक अवसर है।

जी 20 की 56 शहरों में 215 बैठकें होंगी, आयोजन स्थल के शहरों को होगा लाभ: जी-20 मुख्य समन्वयक हर्षवर्धन शृंगला।

इंदौर पहुंचने के बाद भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने ट्वीट किया कि इंदौर आना और प्रवासी भारतीय दिवस पर प्रस्तुति देना सुखद और खुशी की बात थी। कला के काम और मूर्तियों देखना अच्छा लगा। इतना साफ सुथरा और खूबसूरती से जगमगाता शहर कभी नहीं देखा। कहीं कोई कूड़ा-कचरा नहीं है। Gr8 नागरिकों के बीच गर्व की भावना। एक और ट्वीट में कहा कि भारत की G20 प्रेसीडेंसी न केवल दुनिया के मौजूदा लोगों के लिए, बल्कि अगले 5 अरब लोगों के लिए जो गरीबी से मध्यम वर्ग की ओर बढ़ेंगे, सभी क्षेत्रों में समाधान खोजने के लिए पथप्रदर्शक होगी!
इससे पहले भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने सेशन के दौरान कहा कि जी-20 देशों की बैठक की मेजबानी करना पूरे भारत के लिए गौरव का विषय है। भारत के हर राज्य में हम बैठक कर रहे हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। हम चाहते हैं कि विदेशों में रह रहे हमारे प्रवासी भारतीय सितंबर में होने वाली इस जी-20 बैठक के ब्रांड एंबेसडर बनें। यह अवसर है जहां हम भारत की “वसुधैव कुटुम्बकम्” आधारित विकासपरक सोच एवं विभिन्न विकास क्षेत्रों विशेषकर हमारा तकनीकी आधारित विकास, डिजिटल परिवर्तन, सशक्त फार्मा सेक्टर, पर्यावरण आधारित जीवनशैली एवं विकास गतिविधियां आदि में भारत की क्षमताओं तथा गौरवशाली परंपरा, संस्कृति को वैश्विक स्वर प्रदान कर सकते हैं। अमिताभ कांत ने कहा कि जी-20 समूह विकसित एवं विकासशील राष्ट्रों का विश्व का सबसे बड़ा समूह है। जी-20 के सदस्य मिलकर 85 प्रतिशत वैश्विक जीडीपी, 75 प्रतिशत वैश्विक व्यापार, 90 प्रतिशत पेटेंट पर हक रखते हैं। विश्व की 60 प्रतिशत जनसंख्या इन देशों में निवासरत है। यह काफी महत्वपूर्ण है।
जी-20 मुख्य समन्वयक हर्षवर्धन शृंगला ने सेशन के दौरान कहा कि भारत के 56 शहरों में 215 बैठकें होंगी, जो आज तक के जी-20 के इतिहास में सबसे अधिक हैं। आयोजन स्थल के शहरों को भी इसका लाभ प्राप्त होगा, साथ ही वहां की विशिष्टताओं से भी प्रतिनिधियों का परिचय कराने का अवसर प्राप्त होगा। इस आयोजन के माध्यम से हम भारत की सांस्कृतिक एवं एतिहासिक विविधताओं से भी विश्व को अवगत कराएंगे।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)

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