ताजिकिस्तान में फंसे 44 भारतीय मजदूरों की सकुशल वापसी

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ताजिकिस्तान में फंसे 44 भारतीय मजदूरों की सकुशल वापसी
सेंट्रल एशियाई देश ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के 44 मजदूरों की सकुशल वापसी हो गई है। सोमवार को सभी 44 कामगार सोमोन एयरवेज की उड़ान से देश की राजधानी दिल्ली पहुंचे और देश की धरती चूमकर उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों के प्रति आभार जताया।
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास के हस्तक्षेप से वतन वापस आये ये सभी मजदूर झारखंड के हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिले के रहने वाले हैं। इन्हे छह महीने पहले हजारीबाग के खरना गांव निवासी पचंम महतो के माध्यम से ट्रांसमिशन लाइन के काम में मजदूरी के लिए ताजिकिस्तान ले जाया गया था। कुछ माह तक उन्हें वेतन दिया गया। लेकिन पिछले चार माह से यह कहकर वेतन बंद कर दिया गया कि कंपनी के पास अब मजदूरों को देने के लिए पैसे नहीं है। वेतन मांगने पर कंपनी के प्रतिनिधियों द्वारा बुरा व्यवहार तक किया जा रहा था। जिसके बाद इन्होने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर वतन वापसी के लिए सरकार से हस्तक्षेप की गुहार लगाई थी।
वीडियो के वायरल होने के बाद इन मजदूरों की वापसी के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास शुरू हुआ। भारतीय दूतावास की पहल पर कल्पतरू नामक कंपनी की ओर से इन सभी की दो महीने की बकाया मजदूरी का भुगतान कराया गया। इन सभी की वापसी के लिए टिकट की भी व्यवस्था कराई गई। अब इनकी वापसी के बाद इनके परिजनों में भी खुशी की लहर है।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)

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