मालदीव के राष्ट्रपति भारत दौरे पर, कई नीतियां साबित होंगी गेम चेंजर-(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)

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मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ चार दिवसीय भारत यात्रा पर हैं, इस दौरान भारत और मालदीव के सांस्कृतिक और वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ावा देने पर जोर दिया जायेगा। मालदीव के राष्ट्रपति चार दिन के दौरान अनेक मंत्रियों से मिल रहे हैं और बिज़नेस मीट कर रहे हैं। भारत-मालदीव व्यापार मंच में विदेश राज्यमंत्री वीo मुरलीधरन ने संबोधन में कहा है कि भारत और मालदीव पुरातनता में डूबे हुए ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और वाणिज्यिक संबंधों के साथ एक समय-सम्मानित साझेदारी साझा करते हैं। मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख भागीदार है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि भारत की ‘पड़ोसी पहले नीति’ ने मालदीव की ‘भारत-प्रथम नीति’ के साथ मिलकर काम किया है ताकि भागीदारी के साथ साझेदारी को लगभग सभी क्षेत्रों तक बढ़ाया जा सके। हमारे नेतृत्व के स्तर पर व्यक्तिगत गर्मजोशी- प्रधान मंत्री मोदी और राष्ट्रपति सोलिह – ने हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और गति दी है।

सांस्कृतिक और वाणिज्यिक संबंधों पर भारत-मालदीव व्यापार मंच में विदेश राज्य मंत्री वीo मुरलीधरन का संबोधन।

कोरोना, कनेक्टिविटी और वीजा-मुक्त यात्रा का हुआ कार्यान्वयन:
दोनों देशों ने COVID की स्वास्थ्य और आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए बहुत निकटता से काम किया है साथ ही कनेक्टिविटी एक प्रमुख गेम-चेंजर साबित हुआ है साथ ही उन्होंने कहा की वीजा-मुक्त यात्रा का कार्यान्वयन एक अन्य महत्वपूर्ण प्रवर्तक रहा है। आज मालदीव के लिए पर्यटन, व्यवसाय, शिक्षा और चिकित्सा उपचार के लिए बिना वीजा के भारत की यात्रा करना संभव है। इन कदमों के अलावा, मालदीव में 2.8 बिलियन अमरीकी डालर के करीब अनुदान और रियायती ऋण सहायता के तहत चल रही विभिन्न परियोजनाओं ने दोनों पक्षों के वाणिज्यिक संबंधों को और अधिक सक्रिय किया है।

रक्षा और खेलों के लिए विशेष लाइन ऑफ क्रेडिट:
मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह की भारत यात्रा पर मालदीव में भारत के उच्चायुक्त मुनु महाव ने विशेष ब्रीफिंग की जिसमें उन्होंने रक्षा के लिए विशेष लाइन ऑफ क्रेडिट, खेलों के लिए विशेष लाइन ऑफ क्रेडिट को उच्च प्रभाव लागू किये जाने की बात कही साथ ही उन्होंने बताया कि कई आवास परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है. अंतर्कलह, नारों के बारे में पूछे गए सवाल पर उच्चायुक्त मुनु महाव ने कहा कि ये अभियान, जो चलाए जा रहे हैं, वे गलत सूचना, झूठे प्रचार पर आधारित हैं, और ये मालदीव के लोगों के विचारों को नहीं दर्शाते हैं।

जलवायु परिवर्तन और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र पर फोकस:
मालदीव में भारत के उच्चायुक्त मुनु महाव ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन और इसका प्रभाव एक प्रमुख प्राथमिकता है और हम एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अपने सहयोग को कैसे बढ़ा सकते हैं इसपर भी ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही हमने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जो हमें मालदीव के साथ काम करने, स्थानीय सरकार के प्रतिनिधियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने, क्षमता निर्माण के उपाय करने की अनुमति देगा और उन्हें कई क्षेत्रों में समर्थन की आवश्यकता होगी। इसलिए यह हमारे सहयोग का प्राथमिकता वाला क्षेत्र बना रहेगा।

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