रोजगार के लिए विदेश जा रहे युवाओं की सुरक्षा भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता: जयशंकर-(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)

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रोजगार के अवसरों के लिए विदेश जाने युवाओं की सुरक्षा भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्यसभा के चल रहे मानसून सत्र में विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत के प्रवासी युवाओं की देखभाल करने के लिए विदेश मंत्रालय की प्रणालियों और प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार के साथ बताया। उन्होंने इस बारे में स्पष्टता के साथ बताया कि कैसे विदेश मंत्रालय छात्रों को नकली एजेंटों की ठगी से बचाने के लिए कार्य कर रहा है और यह सुनिश्चित करने में लगा है कि विदेश जा रहे छात्र ऐसे गिरोहों की गिरफ्त में न आएं।

विदेश मंत्री जयशंकर ने भारतीय युवाओं के सुरक्षित प्रवास को सुनिश्चित करने में विदेश मंत्रालय की भूमिका के बारे में राज्यसभा को अवगत कराया।

विदेश में रोजगार के अवसर तलाश रहे देश के युवाओं की मदद के लिए 2015 में ई-माइग्रेट सिस्टम शुरू किया गया था। इस सिस्टम ने भारत के युवाओं को ई-माइग्रेट पोर्टल के माध्यम से विदेशों में नौकरी खोजने के लिए एक उचित कानूनी चैनल मुहैया कराया। जयशंकर ने बताया कि विदेश मंत्रालय छात्रों को रोजगार के अवसरों को खोजने में मदद के अलावा, ‘सुरक्षित जाएं, प्रशिक्षित जाएं’ अभियान के तहत जागरूकता बढ़ाने और सुरक्षित और कानूनी प्रवास की सुविधा के लिए कार्यशाला और प्रस्थान पूर्व अभिविन्यास और प्रशिक्षण (पीडीओटी) का आयोजन करता है।

विदेश मंत्रालय इस बारे में एक नया कानून ‘उत्प्रवास विधेयक 2022’ लाने की प्रक्रिया में है। यह विधेयक मौजूदा उत्प्रवास अधिनियम 1983 के दायरे को बढ़ाएगा।

भारतीयों के प्रवास मामले में कई जटिल पहलू शामिल हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने इन बातों को देखते हुए नियामक उपायों को बनाए रखना सुनिश्चित किया है। यह ‘इमिग्रेशन क्लीयरेंस’ (ईसी) के रूप में जाना जाता है, जिसमें विदेश मंत्रालय यह सुनिश्चित करता है कि नियोक्ता द्वारा दिए गए सभी दस्तावेज को सत्यापित करके विदेश जाने ये युवा ठगी के शिकार न हों।
जयशंकर ने बताया कि विदेश में नौकरियों के बारे में जानकारी प्रसारित करने के साथ सुरक्षित और अवैध प्रवास के बारे में विदेश मंत्रालय समय-समय पर राज्य सरकारों और दूसरे हितधारकों के साथ कार्यक्रम करता है। इस तरहल के कार्यक्रम 2021 में पश्चिम बंगाल और इस साल केरल में आयोजित हुए हैं।
भारत के प्रवासी युवाओं की सुरक्षा को और सुनिश्चित करने के लिए विदेश मंत्रालय ने श्रम और जनशक्ति सहयोग के क्षेत्र में समझौता ज्ञापनों और समझौतों के माध्यम से खाड़ी और एशिया-प्रशांत में अपने भागीदारों के साथ काम किया है।
यह स्वीकार करते हुए कि इस क्षेत्र में और अधिक काम करने की आवश्यकता है, विदेश मंत्री ने कहा कि मंत्रालय इस बारे में एक नया कानून ‘उत्प्रवास विधेयक 2022’ लाने की प्रक्रिया में है। यह विधेयक मौजूदा उत्प्रवास अधिनियम 1983 के दायरे को बढ़ाएगा और विदेश जाने के इच्छुक भारतीय युवाओं को सुरक्षित कानूनी प्रवास में मदद करेगा व उन्हें अवैध भर्ती एजेंटों द्वारा ठगे जाने में मददगार साबित होगा।

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