लखनऊ/ धरा की स्वर साम्राज्ञी का मूर्त विग्रह नादब्रह्म में विलीन हो गया। स्वर कोकिला लता मंगेशकर अनंत गन्तव्य की ओर आज प्रातः प्रस्थान कर गयी। दुनिया के स्वर जगत के लिए यह एक अपूर्णनीय क्षति है।
धरा की स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को ब्रह्मसागर महासंघ ने दी श्रद्धांजलि।
यह बात आज लखनऊ के शालीमार ग्रांड आवासीय सोसायटी प्रांगण में ब्रह्मसागर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन एस०के० द्विवेदी ने स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन पर आयोजित शोक सभा में कही। उन्होंने कहा कि सुर साधिका लताजी ने अपनी मंत्रमुग्ध कर देने वाली वाणी से न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में हर पीढ़ी के जीवन को भारतीय संगीत की मिठास से आप्लावित किया। उनकी स्वर लहरियाँ भावी पीढ़ियों के मनों को भी हमेशा तृप्त करती रहेगी। संगीत अनुरागी जगत उनका सदैव ॠणी रहेगा।
उत्तर प्रदेश काडर में आईएएस अधिकारी रहे ब्रह्मसागर प्रमुख श्री द्विवेदी ने कहा कि लताजी के देहावसान से भारतवर्ष का समस्त ब्राह्मण समाज भी अत्यन्त मर्माहत है और दिवगंत आत्मा के प्रति नम आखों से अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने शरण में स्थान दे, यही हम सबकी प्रार्थना है।
इस अवसर पर पूर्व आईएएस अधिकारी एवं महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, चन्द्रिका प्रसाद तिवारी, राष्ट्रीय संगठन मन्त्री, राम महेश मिश्र, महामंत्री, संजय भारतीय, कोषाध्यक्ष दया शंकर पाण्डेय, महिला प्रकोष्ठ महामन्त्री, डॉo श्वेता शुक्ल, सांस्कृतिक प्रकोष्ठ प्रमुख प्रोफेसर कृष्ण चन्द्र वाजपेयी सहित ब्रह्मसागर कार्यकारिणी के विभिन्न पदाधिकारी उपस्थित थे। सभी ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगता आत्मा के प्रति अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की।