भारत ने गुयाना को लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत 7.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण दिया है। इसके तहत गुयाना के दूरदराज के इलाकों में सौर बिजली की आपूर्ति की जाएगी। भारतीय तकनीकी आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) की 57 वीं वर्षगांठ पर वहां स्थित स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र में बुधवार को आयोजित समारोह में दोनों देशों के बीच हुए यह समझौता हुआ।
इसके तहत गुयाना के दूरदराज के इलाकों में सौर बिजली की आपूर्ति की जाएगी
समझौते पर भारतीय उच्चायुक्त, डॉ. के.जे. श्रीनिवास और गुयाना के राष्ट्रपति कार्यालय में वित्तीय मामलों को देखने वाले मंत्री और सांसद डॉ. अश्नी सिंह ने हस्ताक्षर किए। कार्यक्रम के दौरान आईटीसी ने गुयाना में मानव संसाधनों को विकसित करने की पेशकश भी की।
आईटीईसी दिवस की 57 वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में दोनों देशों के बीच हुआ समझौता
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. सिंह ने इस पहल को संभव बनाने के लिए भारतीय उच्चायुक्त को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि “यह परियोजना भारत के विदेश मंत्रालय की सबसे बड़ी परियोजना नहीं है, लेकिन इस परियोजना 30,000 गुयाना परिवारों के जीवन में युगांतकारी प्रभाव डालेगी।” डॉ. सिंह ने आगे कहा कि आईटीईसी जैसे कार्यक्रम गुयाना में तेजी से हो रहे विकास में “अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका” निभा रहे हैं।
कार्यक्रम में उच्चायुक्त डॉ. श्रीनिवास ने इस बात पर प्रकाश डाला कि गुयाना और भारत के बीच गहरे द्विपक्षीय संबंध हैं। उन्होंने उम्मीद जताई की भारत और घाना के बीच जारी साझेदारी दोनों देशों जीवन और आजीविका में काफी बदलाव ला सकता है।
हर घर करेगा बिजली का उत्पादन:
परियोजना प्रस्ताव के अनुसार, प्रत्येक घर में अपना स्वयं का सौर पैनल, एक इन्वर्टर और बुनियादी फिटिंग की जाएगी। इसका मतलब है कि प्रत्येक घर खुद बिजली का उत्पादन कर सकेगा। इस परियोजना को भारत के एक्ज़िम बैंक द्वारा प्रदान किया जा रहा है।