साढ़े बीस लाख प्रवासी श्रमिकों और रेहड़ी-ठेले वालों की बढ़ीं मुश्किलें ….यूपी

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सार :-
कोरोना की दूसरी लहर में प्रभावित प्रवासी श्रमिकों आदि के सर्वे में आई तस्वीर
प्रयागराज, अलीगढ़, देवरिया, गोरखपुर और वाराणसी जिले सर्वाधिक प्रभावित

विस्तार
कोरोना की दूसरी लहर ने प्रवासी श्रमिकों व रेहड़ी-ठेले वालों की मुश्किलें को एक बार फिर बढ़ा दिया है। ऐसे लगभग 20.58 लाख कामगार, श्रमिक, मजदूर, ठेला-खोमचे वाले चिह्नित किए गए हैं, जिन्हें कोरोना संकट ने बुरी तरह प्रभावित किया है। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर में भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हैं। हालांकि ऐसे लोगों की सर्वाधिक संख्या प्रयागराज में और सबसे कम बागपत में सामने आई है।

राज्य सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर से प्रभावित प्रवासी श्रमिकों व दैनिक रूप से कार्य कर जीविकोपार्जन करने वालों का सर्वे कराया है। यह रिपोर्ट एडीएम, अधिशासी अधिकारी नगरीय क्षेत्र व जिला पंचायत राज अधिकारियों के स्तर से तैयार कराई गई है। इसके मुताबिक प्रदेश में महामारी का सीधा दंश झेलने वाले 3 लाख 27 हजार 471 प्रवासी श्रमिक सामने आए हैं।

इन्हें दूसरे राज्यों व शहरों से अपने घरों को लौटना पड़ा जबकि रेहड़ी, खोमचा आदि लगाने वाले 17 लाख 30 हजार 825 लोग सामने आए हैं। लॉकडाउन की वजह से इनका कामकाज ठप हो गया। सात जिले प्रयागराज, अलीगढ़, देवरिया, गोरखपुर, वाराणसी, जौनपुर व मेरठ ऐसे हैं, जहां प्रवासी श्रमिकों व रेहड़ी-खोमचा वालों की संख्या 50 हजार से अधिक है। बागपत में यह संख्या सबसे कम 6437 बताई गई है।  

महज एक साल में दूसरी बार महामारी की मार
कोरोना की पहली लहर की मार से प्रवासी श्रमिक व दैनिक मजदूरी कर जीवनयापन करने वाले उबर भी नहीं पाए थे कि दूसरी लहर ने दस्तक दे दी। नतीजतन इनलोगों का जीवन का फिर मुश्किलों में फंस गया। ज्यादातर लोग बेरोजगार हो गए। अब काम के लिए परेशान होना पड़ रहा है। 

दूसरे चरण की रणनीति से पलायन में आई कमी
दूसरे चरण में आंशिक लॉकडाउन व औद्योगिक गतिविधियों की छूट से प्रवासी श्रमिकों के पलायन में कमी आई है। पहले चरण में 37.68 लाख प्रवासी श्रमिक प्रदेश लौटे थे। इनमें से 15.12 लाख पात्र परिवारों को 151.25 करोड़ रुपये की सहायता राशि बांटी गई थी। इस बार प्रवासी श्रमिकों की संख्या 3,27,471 तक सीमित रही।

चिह्नित परिवारों को 1000 रुपये का भरण-पोषण भत्ता शीघ्र
प्रदेश सरकार चिह्नित प्रवासी श्रमिकों व रेहड़ी-खोमचा लगाने वाले प्रत्येक परिवार को भरण-पोषण भत्ते के रूप में 1000 रुपये देगी। इसके लिए जिलाधिकारियों को 207 करोड़ 37 हजार रुपये उपलब्ध कराए गए हैं। 

महामारी की अधिक प्रभावित जिलों की स्थिति
जिले    श्रमिक-दैनिक मजदूरों की संख्या
प्रयागराज    94335
अलीगढ़    77273
देवरिया    62588
गोरखपुर    61794
वाराणसी    59025
जौनपुर    55452
मेरठ    55336
कानपुर नगर    49816
सहारनपुर    46108 
हरदोई    43031
महराजगंज    42532
सुल्तानपुर    42074
लखनऊ    41357
बरेली    39114
खीरी    38425
आगरा    37953
रायबरेली    34889
सिद्धार्थनगर    33851
आजमगढ़    33535
मुजफ्फरनगर    33164
बलिया    33078
बहराइच    30859
बुलंदशहर    30492
बाराबंकी    29477
गाजीपुर    29298
सीतापुर    29021
फतेहपुर    28841
शाहजहांपुर    28766
कुशीनगर    28713
अंबेडकरनगर    28448
बस्ती    27376
कानपुर देहात    26762
बदायूं    25927
उन्नाव    25716
संतकबीनगर    25670
नोट- ऐसे जिले जहां 25 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिकों व दैनिक मजदूरों की संख्या सामने आई।

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