अमेरिका में बवाल : 200 साल बाद अमेरिकी संसद पर ऐसा हमला, जानें अब तक क्या-क्या हुआ…

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Washington : Supporters of President Donald Trump rally at the U.S. Capitol on Wednesday, Jan. 6, 2021, in Washington. AP/PTI(AP01_07_2021_000011A)

इतिहास में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बवाल जितना इस बार हुआ है, शायद ही कभी हुआ हो। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप डेमोक्रेट जो बाइडेन की जीत स्वीकार करने को पहले ही तैयार नहीं थे, लेकिन शायद ही किसी को अंदाजा होगा कि हालात इतने बिगड़ जाएंगे। ट्रंप समर्थक बुधवार को जबरन संसद में घुस गए, तोड़फोड़ और हिंसा हुई। गोलियां भी चलीं और इसमें चार लोगों की जान भी चली गई। मिलिट्री की स्पेशल यूनिट ने दंगाइयों को खदेड़ा। कई घंटे बाद संसद की कार्यवाही फिर शुरू हुई।आखिरकार ट्रंप ने हार मान ली और 20 जनवरी को बाइडन शपथ लेंगे।इतिहासकार बताते हैं कि अमेरिकी संसद पर इस तरह का हमला 200 साल में पहली बार देखा गया है। जानिए अब तक क्या-क्या हुआ अमेरिका हिंसा में ….
ट्रंप समर्थकों ने बुधवार को यूएस कैपिटल में घुसकर हंगामा मचाया। हंगामे ने देखते ही देखते खूनी झड़पों का रूप ले लिया, जिसमें अब तक चार लोगों की जान जा चुकी है। वहीं कई लोगों के घायल होने की खबर भी मिल रही है। वॉशिंगटन डीसी के मेयर ने राजधानी में कर्फ्यू की घोषणा की। वहीं अपने भाषण में चुनावी धांधली का आरोप लगाने वाले ट्रंप ने हिंसा भड़कने के बाद अपने समर्थकों से शांतिपूर्ण तरीके से रहने को कहा। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस हिंसा को राजद्रोह बताया।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को मिली हार के नतीजों को पलटने की मंशा से सैकड़ों ट्रंप समर्थक बुधवार को यूएस कैपिटल में घुस गए।
यूएस कैपिटल में हिंसक झड़पों की वजह से सांसदों को संसद से भागना पड़ा। हिंसा के कारण जो बाइडन को चुनावी जीत का सर्टिफिकेट देने की प्रक्रिया में भी देरी होती रही। हालांकि, भीड़ के हमले के करीब 6 घंटे से भी ज्यादा समय के बाद सीनेट की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई।
अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने बताया कि उन्होंने दो संदिग्ध विस्फोटक  को निष्क्रिय किया है और अधिकारियों ने हमले के चार घंटे बाद यूएस कैपिटल को सुरक्षित घोषित किया।
ट्रंप ने ट्वीट कर चुनाव में धांधली के आरोप लगाए। इसके बाद ट्विटर ने ट्रंप के अकाउंट को 12 घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया। साथ ही यह चेतावनी भी दी कि अगर उन्होंने हिंसा भड़काने जैसा कुछ भी पोस्ट किया तो उनका अकाउंट हमेशा के लिए ब्लॉक कर दिया जाएगा।
फेसबुक और उसके मालिकाना हक वाले इंस्टाग्राम पर भी ट्रंप के पेजों को अगले 24 घंटों के लिए ब्लॉक कर दिया गया है। फेसबुक और यूट्यूब ने ट्रंप के उन वीडियो को भी हटा दिया, जिसमें वे अपने समर्थकों को संबोधित कर रहे थे।
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस पूरी घटना पर कहा कि वह स्तब्ध और काफी दुखी हैं कि अमेरिका को ऐसा दिन देखना पड़ा। बाइडन ने राष्ट्र के नाम एक संबोधन में कहा, ”इस समय, हमारे लोकतंत्र पर अभूतपूर्व हमला हो रहा है। हमने आधुनिक समय में ऐसा कभी नहीं देखा। स्वतंत्रता के गढ़, कैपिटल पर हमला। लोगों का प्रतिनिधित्व करने वालों और कैपिटल हिल पुलिस…और लोक सेवक जो हमारे गणतंत्र के मंदिर में काम करते हैं उन पर हमला। यह अराजकता है। यह राजद्रोह के समान है। इसका अब अंत होना चाहिए।”
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि ट्रंप ने हिंसा उकसाई। उन्होंने कहा, ‘कानूनी तरीके से हुए चुनाव को लेकर लगातार बेबुनियाद झूठे दावे करने वाले एक मौजूदा राष्ट्रपति द्वारा आज यूएस कैपिटल में भड़काई गई हिंसा को इतिहास में हमेशा हमारे देश के लिए शर्मिंदगी के तौर पर याद रखा जाएगा।
रिपब्लिकन नेता लोकतंत्र पर हुए इस हमले के बाद डोनाल्ड ट्रंप को बाहर करने की मांग करने लगे हैं। आखिरकार ट्रंप ने हार मान ली। अब 20 जनवरी को बाइडेन राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।
पहले भी अमेरिकी संसद में चलीं गोलियां  
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 1812 के युद्ध के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि कैपिटल में इस तरह दाखिल हुआ गया है। तब अगस्त, 1814 में अंग्रेजों ने इमारत पर हमला कर दिया था और आग लगा दी थी। वर्ष 1954 में हाउस चेंबर में तीन पुरुष और एक महिला विजिटर गैलरी में हथियारों के साथ जाकर बैठ गए थे। प्योर्टो रिकान नैशनलिस्ट पार्टी के ये सदस्य देश की आजादी की मांग कर रहे थे। उन्होंने 1 मार्च, 1954 की दोपहर को सदन में ओपन फायरिंग कर दी और प्योर्टो रिको का झंडा लहरा दिया। इस घटना में कांग्रेस के पांच सदस्य घायल हुए थे। 

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