- कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 27 दिनों से हजारों किसान प्रदर्शन के लिए डटे हुए हैं।सरकार द्वारा मांगे नहीं माने जाने से दुखी एक सिख संत (ग्रंथि) राम सिंह नानकसर ने गत 16 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद अब सोमवार को भी सिंघु बॉर्डर पर ही पंजाब के एक किसान ने जहरीला पदार्थ पीकर आत्महत्या का प्रयास किया।
- किसान की जेब से मिला किसानों के समर्थन में लिखा नोट
- पुलिस ने बताया कि किसान निरंजन की जेब से किसानों के समर्थन में लिखा एक नोट भी बरामद हुआ है।उन्होंने नोट में लिखा कि उससे किसानों का दुख देखा नहीं जा रहा है। सरकार कानूनों को वापस नहीं ले रही है। ऐसे में उन्होंने सोचा कि बिना कुर्बानी के किसान नहीं जीत सकते हैं। ऐसे में उन्होंने जहर खा लिया।किसान ने लिखा कि किसान तीन महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है।
- मुद्दाक्या है किसानों के विरोध का कारण?
- सितंबर में लागू किए गए कृषि कानूनों को लेकर पिछले कई महीनों से विरोध कर रहे किसानों ने गत 25 नवंबर से अपने आंदोलन को तेज कर दिया था। उन्होंने सरकार के खिलाफ ‘दिल्ली चलो’ मार्च का आह्वान किया था।किसानों को डर है कि APMC मंडियों के बाहर व्यापार की अनुमति देने वाले कानून मंडियों को कमजोर कर देंगे और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भी नहीं मिलेगा। इसके चलते कॉरपोरेट जगह के लोग किसानों का शोषण करेंगे।
- वार्तासरकार ने किसानों को फिर भेजा वार्ता के लिए न्योता
- किसानों और सरकार के बीच अब तक की सभी वार्ताओं के विफल होने के बाद कई किसान सोमवार को एक दिन की भूख हड़ताल पर हैं।इसी बीच केंद्र सरकार ने किसान संगठनों को बातचीत के लिए फिर से न्योता भेजा है।कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने क्रांतिकारी किसान संगठन के पंजाब प्रमुख डॉक्टर दर्शन पाल के नाम पर भेजे पत्र में बातचीत का न्योता दिया है। 39 अन्य संगठनों को इसकी कॉपी भेजी गई है।