कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच गतिरोध (Farmers Protest) फिलहाल खत्म होता नहीं दिख रहा है. वार्ता आगे बढ़ाने की बजाय सरकार कृषि कानूनों के पक्ष में किसान संगठनों का समर्थन हासिल करने में जुट गई है. सवाल उठता है कि क्या सरकार यूनियन के सामने यूनियन खड़े कर रही है सरकार? क्या सरकार बांटने और थकाने की रणनीति पर चल रही है ? उत्तराखंड, हरियाणा के बाद बिहार, तमिलनाडु, केरल जैसे राज्यों के किसान संगठनों से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) की 14 दिसंबर की मुलाकात और कृषि कानूनों पर समर्थन जुटाने की कवायद इसी रणनीति का संकेत है. इसे पंजाब और हरियाणा के कुछ किसान संगठनों का विरोध साबित करने की कोशिश की जा रही है.