बीते 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन लागू हुआ था, जिसमें करीब दो महीने तक सख्ती थी. हालांकि, जून से थोड़ी ढील जरूर दी गई है.
- एनपीएस ने 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है
- अप्रैल-जून तिमाही में 1.03 लाख नये सदस्य
लॉकडाउन के दौरान लोगों को भविष्य की चिंता हुई है. यही वजह है कि सरकार की प्रमुख रिटायरमेंट सेविंग प्लान राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) से अप्रैल-जून तिमाही में 1.03 लाख नये सदस्य जुड़े हैं. इस तरह एनपीएस ने 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है.
206 कंपनियों को एनपीएस से जोड़ा गया..
वित्त मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस अवधि में निजी क्ष्रेत्र से करीब 1.03 लाख व्यक्तिगत अंशधारक और 206 कंपनियों को एनपीएस से जोड़ा गया. इनमें से 43 हजार कंपनियों अथवा उनके नियोक्ताओं के जरिये जुड़े हैं जबकि बाकी व्यक्तिगत तौर पर योजना से जुड़े हैं.
एनपीएस में नए सदस्यों के जुड़ने के साथ उसके 18 से 65 वर्ष के कॉरपोरेट अंशधारकों की संख्या 10.13 लाख हो गई है. आपको बता दें कि एनपीएस के तहत 68 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी रजिस्टर्ड हैं जबकि 22.60 लाख निजी क्षेत्र से हैं, जिनमें 7,616 कंपनियों का रजिस्ट्रेशन है.
लॉकडाउन अवधि में जुड़ना अहम..
ये आंकड़े इसलिए भी अहम हैं क्योंकि देश में 25 मार्च से करीब दो महीने तक सख्त लॉकडाउन लागू था. इस दौरान निजी क्षेत्र में कई लोगों की छंटनी हो गई, या सैलरी में कटौती कर दी गई. इसके बावजूद लोगों ने भविष्य के लिए बचत पर जोर दिया है. पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने कहा कि एनपीएस कॉरपोरेट कर्मचारियों के बीच काफी सफल है.
बंदोपाध्याय ने कहा, ‘‘किसी व्यक्ति के जीवन में वित्तीय योजना हमेशा पीछे रहती है, लेकिन आज कोरोना वायरस महामारी के दौर में यह सबसे आगे है. ऐसे मुश्किल समय के लिए लोगों में वित्तीय सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ी है.’’ बंदोपाध्याय ने कहा कि महामारी के दौरान लोगों और कंपनियों सभी को समझ आ गया है कि रिटायरमेंट योजना सिर्फ बचत या टैक्स बचाने के लिए नहीं है.